आम आदमी पार्टी के खुले प्लाट जिंदगी भर के लिए घर बनाने आये उधोगपति महेश सवाणी कुछ महीने में ही घर बनाना तो दूर बिना नीव खोदे ही चले गए | जाते जाते दूसरे घर यानि भाजपा से अपनी नजदीकियों का उल्लेख कर नये ” सेवा घर ” की तरफ इशारा भी करते गए | औपचारिक तौर से गुजरात में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े चेहरों में शुमार महेश सवाणी ने सोमवार शाम को आम आदमी पार्टी की अपनी सियासी पारी पर पूर्ण विराम लगाने की घोषणा की |
जिसका कारण उन्होंने निजी सेवा कार्यो के लिए समय ना निकाल पाने और बिगड़ते स्वास्थ्य को बताया |
विधान सभा चुनाव से पहले गुजरात की राजनीति में पैर ज़माने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी में बिखराव शुरू हो गया है | महेश सवानी के पहले सोमवार सुबह लोक कलाकार और आम आदमी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय सुवाला और नीलम व्यास ने आम आदमी पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थम लिया |
मीडिया से बात करते हुए महेश सवाणी ने कहा, ‘अभी पार्टी में मेरा कोई पद नहीं है और मैं सिर्फ समाज सेवा कर रहा था और भविष्य में समाज सेवा करूंगा. राजनीति में बेहतर करने के लिए आए हैं। हालांकि राजनीति में आने के बाद मैं अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाया।बीजेपी में शामिल होने की बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरा किसी से कोई विवाद नहीं है. मुझ पर कोई दबाव नहीं है। किस पार्टी में शामिल होना है यह समय की बात है। मैंने परिवार से चर्चा करने के बाद ही फैसला किया है। हम भाजपा के साथ सहायक भूमिका में रहे हैं। मीडिया ने मुझे सीएम के चेहरे के तौर पर पेश किया। विदित हो की महेश सवाणी इसके पहले 2019 में सूरत लोकसभा से प्रत्याशी बनने की भी कोशिश की थी |
आम आदमी पार्टी में शामिल होते वक्त उन्होंने कहा था ” आम आदमी पार्टी खुला प्लाट है यंहा घर बनाऊगा , भाजपा के दवाब में आने सम्बन्धी सवाल पर कहा था की किसी के बाप की ताकत नहीं है…. |लेकिन पेपर लीक कांड के बाद उपवास पर बैठे महेश सवानी ने जिस तरह अचानक उपवास तोड़ने का निर्णय कर लिया उससे ही सियासी गलियारों में ” झाड़ू ” के बिखरने की चर्चा होने लगी थी।जिस तरह एक के बाद एक आम आदमी पार्टी के नेता अलविदा कह रहे हैं. इसमें “आप “के चुनाव से पहले ही थर्ड पार्टी बनने की स्थिति टूटती नजर आ रही है.|