गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखराम राठवा ने एक बार फिर कहा है कि वह उन विधायकों को चुनावी टिकट दिलाने की जिम्मेदारी लेते हैं, जिन्होंने विधानसभा में उनके साथ गुजरात के लोगों की आवाज उठाई है। राठवा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और छोटा उदेपुर में जेतपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। यह इलाका मुख्य रूप से आदिवासी बहुल है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अपने अधिकांश मौजूदा विधायकों को विधानसभा चुनावों में उतार सकती है। साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस उन विधायकों को विश्वास में लेगी, जिन्हें नए उम्मीदवारों के साथ बदलने की आवश्यकता है।
दिलचस्प बात यह है किराठवाने चुनावी मुकाबले को क्रिकेट मैच की तरह बताया। कहा कि आगामी चुनाव “क्रिकेट मैच के अंतिम ओवर” की तरह होंगे। यानी “करो या मरो” वाला मुकाबला होगा। उन्होंने कहा, “यह निश्चित है कि सभी 64 विधायक एकजुट होकर फिर से चुनाव लड़ेंगे।” गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी विधायकों के काम का मूल्यांकन कर रही है। सुखराम राठव के मुताबिक, कांग्रेस उन विधायकों को विश्वास में लेगी जिन्हें नए उम्मीदवारों के साथ बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “अगर सर्वेक्षण के अनुसार किसी विधायक को हटाने की आवश्यकता होती है, तो ऐसा कोई भी निर्णय लेने से पहले उसे विश्वास में लिया जाएगा। हमारे लिए 2022 का चुनाव क्रिकेट मैच के आखिरी ओवर की तरह है।
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 99 पर सीमित करते हुए कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं। बाद में कांग्रेस के 14 विधायकों के पाला बदल लेने से 182 सदस्यीय सदन में उसके 63 विधायक ही रह गए।
24 अगस्त को एआईसीसी नेताओं ने आगामी चुनावों पर चर्चा करने के लिए गुजरात नेतृत्व के साथ बैठक की थी। राहुल गांधी 5 सितंबर को गुजरात में चुनाव अभियान की शुरुआत करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य गुजरात एक हाई-स्टेक राजनीतिक युद्ध का मैदान है। 1995 में सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस इस समय राज्य में नई नवेली अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के साझ जूझ रही है।