9 मार्च 2023 गुजरात के मोटेरा स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) के लिए बड़ा दिन था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाले टेस्ट मैच को देखने पहुंचे थे। इससे पहले एक खालिस्तान समर्थक समूह ने लोगों को व्हाट्सएप मैसेज और ऑडियो क्लिप भेजकर धमकी दी थी। इसमें कहा गया था कि आमलोग अपने घरों में सुरक्षित रहें। खालिस्तान समर्थक मोदी स्टेडियम में घुसने वाले हैं और वहां झंडा फहराएंगे।
इस मामले में पुलिस की जांच में बड़े खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने पता लगाया है कि धमकी भरे मैसेज और ऑडियो क्लिप भेजने के लिए सिम बॉक्स का इस्तेमाल किया गया था। सिम बॉक्स ऐसा डिवाइस है, जिसकी मदद से एक बार में बड़ी संख्या में सिम का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह अपराधियों के बड़े काम आता है।
अहमदाबाद पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने जांच के दौरान पाया कि धमकी भरे मैसेज भेजने के तार मध्य प्रदेश के रिवा से जुड़े हुए हैं। यहां से दो लोगों राहुल कुमार और नरेंद्र कुशवाहा को गिरफ्तार किया गया है। दोनों 2.5 लाख रुपए प्रति महीना लेकर खालिस्तानियों का मोहरा बन गए थे। इन्हें खालिस्तानी ग्रुप ‘सिख फॉर जस्टिस’ से पैसे मिलते थे। इस ग्रुप का मुखिया अमेरिका में रहने वाला वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू है।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि राहुल कुमार और नरेंद्र कुशवाहा ने रीवा में सिम बॉक्स इंस्टॉल किया था। इसकी मदद से इंटरनेशनल कॉल को लोकल में बदला जाता था। सिम बॉक्स में इस्तेमाल होने वाले सिम को ब्लॉक करना मुश्किल होता है। दोनों दूसरे माफियाओं की भी मदद करते थे। सिम बॉक्स की मदद से अपराधी एक बार में कई फोन नंबर इस्तेमाल करते हैं। सिम बॉक्स में लगने वाले सिम की संख्या 20 से लेकर 500 तक हो सकती है। इसका इस्तेमाल जबरन वसूली करने वाले, स्कैमर और अंतरराष्ट्रीय माफिया सहित देश विरोधी ताकतें करते हैं।
सिम बॉक्स विदेश से इंटरनेट की मदद से किए जाने वाले कॉल (voice over internet protocol) को लोकल मोबाइल नेटवर्क कॉल में बदल देता है। छापेमारी के दौरान अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने धमकी भरे एक वीडियो मैसेज को बरामद किया। इसके साथ ही पुलिस को मौके से 11 सिम बॉक्स मिले। हर सिम बॉक्स में 300 सिम लगाने की जगह थी। उन्हें चार राउटर से जोड़ा गया था।
गुरपतवंतसिंह को भारत सरकार ने यूएपीए एक्ट के जरिए 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। साथ ही, संगठन सिख फॉर जस्टिस को 2019 में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था। इस ऑडियो को सुनाकर लोगों में दहशत फैल गई। इस तरह का ऑडियो बनाकर ट्विटर पर आईडी बनाकर दहशत फैलाने की कोशिश की। जिसमें उन्होंने सिख समाज के लोगों और विभिन्न वर्ग के लोगों को भड़काने की कोशिश की।
साइबर क्राइम के किन अधिकारीयों के कारण अपराधी आये गिरफ्त में
इस ऑपरेशन में एसीपी जेएम यादव, पीएसआई टीएन मोरडिया , वायरलेस पीएसआई केके मोदी, वायरलेस पीएसआई एचएन प्रजापति, एएसआई यशराज सिंह विक्रमसिंह, एचसीओ अजय रामचंद्र, एचसीओ धर्मेंद्र सिंह टिकुसिंह और पुलिस कांस्टेबल अश्विन कुमार विरजीभाई शामिल हैं.
गुरपतवंतसिंह को भारत सरकार ने यूएपीए एक्ट के जरिए 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। साथ ही, संगठन सिख फॉर जस्टिस को 2019 में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था। इस ऑडियो को सुनाकर लोगों में दहशत फैल गई। इस तरह का ऑडियो बनाकर ट्विटर पर आईडी बनाकर दहशत फैलाने की कोशिश की। जिसमें उन्होंने सिख समाज के लोगों और विभिन्न वर्ग के लोगों को भड़काने की कोशिश की।
नकली टेलीकॉम एक्सचेंज बनाया था
इस संबंध में पीएसआई ने साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया है। मामला गंभीर होने के कारण जांच एसीपी जेएम यादव ने संभाली थी। जिसमें उनकी टीम ने कुछ ही देर में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को सूचना मिली कि मध्य प्रदेश के सतना जिले के रीवा जिले में अलग-अलग मकान किराए पर हैं. इस गिरोह ने नकली टेलीकॉम एक्सचेंज बनाया था। साइबर क्राइम में 12वीं कक्षा में अनुत्तीर्ण राहुल हरिप्रसाद त्रिवेदी (31 से ऊपर, रेस. कुशली गांव, मध्य प्रदेश) और नरेंद्र ओमप्रकाश कुशवाह (30 से ऊपर, रेस. कुशली गांव, मध्य प्रदेश), कक्षा 8 के छात्र और इलेक्ट्रीशियन को पकड़ा गया है। पुलिस ने अपराध में प्रयुक्त 11 सिमबॉक्स मशीन, 186 सिम कार्ड, 2 लैपटॉप, 6 मोबाइल और 3 वाईफाई राउटर, 1 कंप्यूटर सिस्टम बरामद किया और कुल 11.75 लाख रुपये जब्त किए।
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