अहमदाबाद: शहर में 14 और 15 मई की मध्यरात्रि को हुए एक भीषण हिट एंड रन हादसे में 27 वर्षीय राज्य स्तरीय फुटबॉलर आंद्रे राहुल रेमंड भाटिया गंभीर रूप से घायल हो गए। तेज रफ्तार काली मर्सिडीज कार ने उनकी टू-व्हीलर को टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गई। इस हादसे के बाद भाटिया को वेंटिलेटर सपोर्ट पर अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
भाटिया ने गुजरात की ओर से संतोष ट्रॉफी और सुब्रतो कप जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया है। दुर्घटना के बाद से वह बेहोश हैं और गंभीर ब्रेन हेमरेज, खोपड़ी की हड्डी टूटना, और चेहरे पर गहरे जख्म जैसी चोटों के चलते आईसीयू में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
घटना के वक्त भाटिया अपने एक दोस्त के साथ बोडकदेव इलाके के एक रेस्टोरेंट से घर लौट रहे थे। रात लगभग 12 बजे जब वे जाइडस क्रॉस रोड्स के पास पलाडियम मॉल फ्लाईओवर पर पहुंचे, तभी एक तेज रफ्तार काली मर्सिडीज ने उनकी बाइक को पीछे से टक्कर मारी। इससे भाटिया सड़क पर गिर गए और उनके सिर में गंभीर चोट आई।
घटना के बाद जब लोग इकट्ठा हुए, तभी एक दूसरी टू-व्हीलर भी भीड़ से टकरा गई, जिससे कई अन्य लोग भी घायल हो गए। इस अफरातफरी का फायदा उठाकर मर्सिडीज चालक मौके से फरार हो गया।
घायलों को पहले सोलार सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से भाटिया को गंभीर स्थिति में अपोलो अस्पताल रेफर किया गया।
लोगो बना सबूत, आरोपी की हुई पहचान
पुलिस को इस केस में एक महत्वपूर्ण सुराग मिला – मर्सिडीज की गिर चुकी लोगो। जांच के दौरान यह पता चला कि यह लोगो एक कार की थी जिसे हाल ही में अहमदाबाद निवासी विजय वाघजी देसाई ने खरीदा था। विजय, अहमदाबाद पुलिस में कार्यरत एक हेड कांस्टेबल का बेटा है।
पश्चिम ट्रैफिक डीसीपी नीता देसाई ने मीडिया को बताया, “घटनास्थल पर गिरी मर्सिडीज की लोगो को कंपनी से मिलान कर पता चला कि यह गाड़ी पहले एक अहमदाबाद निवासी के नाम पर थी, जिसने मार्च में यह गाड़ी विजय को बेची थी।”
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के आधार पर पुष्टि की कि हादसे के वक्त गाड़ी विजय ही चला रहा था। उसे 22 मई दोपहर 12 बजे हिरासत में लिया गया और बाद में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।
इन धाराओं में मामला दर्ज
विजय वाघजी देसाई के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इसमें धारा 281 – लापरवाही से वाहन चलाना, धारा 125A – जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना, धारा 125B – लापरवाही से जीवन या सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य शामिल है. इसके अलावा मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177, 184 और 134B के तहत भी कार्रवाई की गई है।
इलाज के लिए चंदा जुटा रहे परिजन
भाटिया के परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है। उनके पिता अब नहीं हैं, मां एक सेवानिवृत्त शिक्षिका हैं और परिवार अहमदाबाद में एक छोटी दुकान चलाता है। इलाज का खर्च बढ़ता देख परिवार ने ऑनलाइन डोनेशन प्लेटफॉर्म्स के जरिए मदद की अपील की है।
यह हादसा न केवल सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि प्रभावशाली लोगों के खिलाफ समय पर कार्रवाई की आवश्यकता पर भी जोर देता है।
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