नई दिल्ली: अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे के बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन की घोषणा की। 12 जून को हुए इस हादसे में कम से कम 265 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि यह समिति दुर्घटना के कारणों की जांच करेगी और वर्तमान में लागू स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) व सुरक्षा दिशानिर्देशों की समीक्षा करेगी।
यह घोषणा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर की, जहां बताया गया कि इस समिति का मुख्य उद्देश्य भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने और प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए ठोस ढांचा तैयार करना है।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया, “यह समिति अन्य संगठनों द्वारा की जा रही जांचों का विकल्प नहीं होगी, बल्कि ऐसे हादसों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए SOPs के निर्माण पर केंद्रित होगी।”
हादसे का विवरण और हताहतों की स्थिति
AI-171 विमान टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही अहमदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल इमारत से टकराकर गिर गया। चश्मदीदों द्वारा शूट किए गए वीडियो में विमान को ऊंचाई पकड़ने में संघर्ष करते हुए और फिर आग की लपटों में गिरते देखा गया।
इस फ्लाइट में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। केवल एक व्यक्ति इस हादसे में जीवित बचा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा किया और अहमदाबाद सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। करीब 70-80 डॉक्टरों की टीम पोस्टमॉर्टम कर रही है। अब तक पांच शवों की पहचान हो चुकी है और उन्हें उनके परिजनों को सौंपा गया है।
सुरक्षा जांच का आदेश
इस हादसे के बाद DGCA ने एयर इंडिया के सभी Boeing 787-8 और 787-9 Dreamliner विमानों की विशेष सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं। ये जांच रविवार, 15 जून से शुरू होगी। विमान निर्माता बोइंग की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जांच में जिन बिंदुओं को शामिल किया गया है, उनमें शामिल हैं:
- फ्यूल पैरामीटर और संबंधित सिस्टम की जांच
- केबिन एयर कंप्रेसर की स्थिति
- इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम की टेस्टिंग
- इंजन फ्यूल ड्रिवन एक्ट्यूएटर और ऑयल सिस्टम की जांच
- हाइड्रोलिक सिस्टम की सर्विसेबिलिटी
- टेक-ऑफ पैरामीटर्स की समीक्षा
- फ्लाइट कंट्रोल इंस्पेक्शन और पॉवर एश्योरेंस चेक (दो हफ्तों में)
मंत्रालय ने यह भी कहा कि पिछले 15 दिनों में Dreamliner विमानों में आई तकनीकी समस्याओं की समीक्षा की जाएगी और जरूरी मरम्मत कार्य पूरे कराए जाएंगे।
बोइंग पर भी उठे सवाल
यह हादसा Boeing 787 Dreamliner के 2011 में व्यावसायिक सेवा में आने के बाद से पहला घातक विमान हादसा है। 2024 में एक बोइंग इंजीनियर ने इस मॉडल की संरचनात्मक मजबूती को लेकर गंभीर चिंता जताई थी, हालांकि इस हादसे से उस चेतावनी का कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है।
बोइंग ने एक बयान में कहा है कि वह “एयर इंडिया के संपर्क में है और Flight 171 को लेकर हरसंभव सहायता देने को तैयार है।”
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