वडोदरा: दाहोद से भाजपा विधायक कन्हैयालाल किशोरी ने रविवार को अपनी लंबे समय से साथी रही सुमित्रा के साथ सामूहिक विवाह समारोह में सात फेरे लिए। यह विवाह समारोह न केवल लोगों का ध्यान आकर्षित कर गया, बल्कि इसके पीछे की भावनात्मक कहानी ने भी कई दिलों को छू लिया।
42 वर्षीय किशोरी ने सुमित्रा से विवाह करने के लिए करीब एक दशक तक इंतज़ार किया और किसी और से विवाह करने की बजाय अविवाहित रहने का फैसला किया।
यह सामूहिक विवाह भील समाज पंचायत (दाहोद, पंचमहल, महिसागर) और बिरसा मुंडा ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित किया गया था, जिसमें तीन अन्य जोड़ों ने भी विवाह किया। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने समारोह में भाग लिया।
भाठीवाड़ा निवासी विधायक किशोरी ने बताया कि वह सुमित्रा को लंबे समय से जानते थे।
उन्होंने कहा, “सुमित्रा एक साधारण परिवार से हैं और उनके परिवार में केवल दो बहनें हैं। चूंकि हम एक ही गांव से थे और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय थे, इसलिए मैं उन्हें मार्गदर्शन और सहायता करता रहता था। धीरे-धीरे मेरे मन में उनके लिए भावनाएं विकसित हुईं और मैंने तय किया कि वही मेरी जीवनसाथी बनेंगी।”
हालांकि, यह सफर आसान नहीं था। आदिवासी परंपराओं के कारण परिवार की ओर से इस विवाह को लेकर आरंभ में विरोध था।
किशोरी ने बताया, “हमारे समुदाय में परिवार का नाम, गांव और अन्य सामाजिक पहलुओं के आधार पर विवाह पर कई प्रकार की रोक होती है। ये परंपराएं आज भी प्रचलित हैं।”
किशोरी ने कहा कि वह सुमित्रा को छोड़ना नहीं चाहते थे और चाहते थे कि यह विवाह परिवार की सहमति और आशीर्वाद से हो।
उन्होंने कहा, “आजकल लोग अपनी पसंद से शादी कर लेते हैं, भले ही परिवार विरोध करे, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता था। मुझे अपने परिवार की मंज़ूरी चाहिए थी।”
परिवार की सहमति मिलने के बाद किशोरी ने पंचायत और ट्रस्ट से संपर्क किया और सामूहिक विवाह कराने का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा, “ये संगठन पहले से सामाजिक कार्यों में मेरे संपर्क में थे। इस बार मैंने उनसे कहा कि मेरे साथ और भी जो इच्छुक हों, उनका विवाह भी कराया जाए। सभी खर्चे मैंने उठाए।”
किशोरी ने आदिवासी समाज में शादी के खर्चों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “आज भी हमारे समुदाय में लोग शादी में अपनी हैसियत से ज़्यादा खर्च कर देते हैं और कई बार कर्ज में डूब जाते हैं। इस प्रवृत्ति को रोकने की ज़रूरत है। भील समाज पंचायत और बिरसा मुंडा ट्रस्ट इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि और लोग भी इस पहल से जुड़ें।”
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