गुजरात में भाजपा और कोरोना के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही हो ऐसा लग रहा है | शुक्रवार को राजकोट में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शक्तिप्रदर्शन करते हुए रोड शो किया | जिसके लिए व्यापक तैयारी की गयी थी | विमानतल से लेकर आयोजन स्थल तक 18 स्वागत द्वार बनाये गए थे ,दोनों तरफ हजारो समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे | बड़ी संख्या में पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया था | खुली जीप में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल , भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल और दूसरे वाहनों में उनके मंत्रीमंडल के सदस्य तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद थे | किसी चक्रवर्ती सम्राट की तरह मुख्यमंत्री पटेल अभिवादन स्वीकार कर रहे थे | उनके ऊपर फूलो की वर्षा की जा रही थी | यह सब कुछ तब हो रहा था जब कोरोना गुजरात में देश में दूसरे नंबर की विकासदर से बढ़ रहा हो | मानो कोरोना को चुनौती दी जा रही हो की बिगाड़ लो क्या बिगाड़ सकते हो , हम भी देखते हैं आखिर “हम सरकार ” हैं वह भी तब जब आम आदमी गुजरात में कोरोना को लेकर चिंतित है |
साढ़े तीन किलोमीटर का रोड शो
पूर्व मुख्यमत्री विजय रुपाणी के गृह जिले में भाजपा के नए नेतृत्व साढ़े तीन किलोमीटर के रोड शो कर यह जताने की कोशिश की यह नया और लोकप्रिय नेतृत्व है , सरकार संगठन साथ साथ हैं | और सत्ता के केंद्र भी | कार्यकर्ताओ के हाथ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल के फोटो वाले कट आउट थे , जिंदाबाद , भारत माता की जय के नारे लग रहे थे |
विलंब से पहुंचे विजय रुपाणी
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के गृहनगर में आयोजित शक्ति प्रदर्शन में विजय रुपाणी ही यात्रा में शामिल नहीं हुए , वह सीधे सभा स्थल पर पहुंचे | इसके कई सियासी मायने निकले जा रहे हैं लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने बचाव में कहा की वह गांधीनगर में थे इसलिए विलम्ब से आये , लेकिन दूसरा सच यह भी है की मुख्य मंत्री भूपेंद्र पटेल भी गांधीनगर से ही गए थे , अगर दोनों चाहते तो सरकारी विमान से साथ में ही जा सकते थे , आयोजन भी पूर्व निर्धारित था |
नयी सरकार ऊर्जा से भरी
बतौर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने पहले इतने लम्बे रोड शो के बाद आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा की नई सरकार ऊर्जा से भरी हुयी है | पुरानी सरकार के मंत्री सरकार का सहयोग कर रहे हैं | उन्होंने राजकोट के लिए प्रदान किये गए वित्तीय प्रावधानों का भी उल्लेख किया |
कोरोना प्रोटोकाल की उडी धज्जियां
पुरे आयोजन के दौरान कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ायी गयी | सोसल डिस्टेंसिंग तो छोड़िये लोगो ने मास्क भी नहीं लगाया था | सामजिक आयोजन के लिए निर्धारित संख्या का तो उल्लेख करने का भी कोई मतलब ही नहीं रहता | पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में यह सब हो रहा था और वह तमाशबीन बनकर सब देख रहे थे , इसके अलावा उनके पास कोई चारा भी नहीं था आखिर ” सरकार ” आये थे |