comScore राजस्थान: अंबेडकर जयंती पर दो दलित किशोरों को दिए गए बिजली के झटके, प्राइवेट पार्ट्स प्लास से नोचा - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

Vibes Of India
Vibes Of India

राजस्थान: अंबेडकर जयंती पर दो दलित किशोरों को दिए गए बिजली के झटके, प्राइवेट पार्ट्स प्लास से नोचा

| Updated: April 22, 2025 10:10

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह घटना यह दर्शाती है कि कैसे हाशिये पर जीने वाले समुदायों के श्रमिक, जो रोजगार के लिए विभिन्न राज्यों में जाते हैं, बेहद असुरक्षित होते हैं।

जयपुर: अपने 18वें जन्मदिन के केवल पांच दिन बाद, अभिषेक भाम्बी खुद को कुछ लोगों के सामने गिड़गिड़ाते हुए पाया, जिन्होंने उसकी फरियाद को नजरअंदाज कर उसे बिजली के झटके दिए। इसी दौरान कुछ लोग इस पूरे कृत्य का वीडियो बना रहे थे।

अभिषेक के बगल में उसका दोस्त विनोद भाम्बी हाथ जोड़कर साथ खड़ा था और लोगों से आग्रह कर रहा था कि अभिषेक को न मारा जाए। लेकिन विनोद की अपील ने आरोपियों को और गुस्से में ला दिया और उन्होंने विनोद की भी पिटाई शुरू कर दी।

यह घटना 14 अप्रैल को घटी – यानी अंबेडकर जयंती के दिन। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के दो दलित किशोर, अभिषेक और विनोद (दोनों 18 वर्ष के) को छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में उनके मालिक और उसके साथियों द्वारा बेरहमी से पीटा और प्रताड़ित किया गया।

“दो महीने से वेतन नहीं मिला… जातिसूचक गालियाँ दीं”

अभिषेक और विनोद, दोनों राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के निवासी हैं। अभिषेक, जो केवल कक्षा 9 तक पढ़ा है, आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई छोड़ चुका है। वहीं विनोद कक्षा 12 तक पढ़ा है।

मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार, छोटू गुर्जर और मुकेश शर्मा – जो स्वयं राजस्थान के निवासी हैं – ने दोनों युवकों को छत्तीसगढ़ के कोरबा में आइसक्रीम बेचने का काम दिया था। फरवरी में दोनों किशोर कोरबा पहुँचे और अलग-अलग आइसक्रीम ठेले चलाने लगे।

अभिषेक ने बताया, “हर दिन देर रात तक आइसक्रीम बेचने का काम करते थे। छोटू ने कहा था कि हर महीने 10,000 रुपए वेतन मिलेगा। लेकिन एक महीने काम करने के बाद मार्च में वेतन नहीं मिला। उसने कहा कि अप्रैल में दो महीने का एक साथ देंगे। 14 अप्रैल को जब वेतन मांगा, तो मारपीट शुरू हो गई।”

एफआईआर के अनुसार, “हमें गालियाँ दी गईं, कपड़े उतार दिए गए, हमें पीटा गया और हमारे पैरों की उंगलियों को प्लास से खींचा गया। हमारे प्राइवेट पार्ट्स को भी प्लास से नोचा गया। जब हम चिल्लाए, तो हमें बिजली के तारों से झटका दिया गया और इसका वीडियो भी बनाया गया।”

अभिषेक ने आगे कहा, “वे कहते रहे कि कोई पैसा नहीं मिलेगा और चोरी का झूठा आरोप भी लगा दिया। हमें एक दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। किसी तरह 15 अप्रैल को हम भाग निकले और ट्रेन पकड़ कर राजस्थान पहुंचे।”

परिजनों से वसूली की गई रकम

आरोप है कि आरोपियों ने अभिषेक के पिता मुकेश भाम्बी (पेशे से ड्राइवर) को फोन कर पैसे की मांग की।

मुकेश ने The Wire को बताया, “जब उनका फोन आया, तब मैं गुजरात के हिम्मतनगर में था। उन्होंने कहा कि अगर पैसे नहीं दिए तो बेटे को मार देंगे। उस वक्त मुझे यह नहीं पता था कि अभिषेक और विनोद को पहले ही प्रताड़ित किया जा चुका है। मैंने किसी तरह 23,500 रुपए का इंतजाम कर उनके खाते में भेजा।”

विनोद ने बताया कि आरोपियों ने उस पर भी दबाव डालकर 20,000 रुपए बैंक से निकाले और 3,000 रुपए मोबाइल पेमेंट से भेजने को कहा।

अभिषेक ने कहा, “जब उन्हें पता चला कि हम भाग निकले हैं, तो उन्होंने हमें कॉल करना शुरू कर दिया और धमकी दी कि अगर हमने किसी को कुछ बताया, तो वे हमें जान से मार देंगे।”

बाद में दोनों किशोरों ने अपने परिवार को पूरी बात बताई और फिर पुलिस से संपर्क किया। मामला दर्ज कर कोरबा के सिविल लाइन थाना भेजा गया।

FIR में कौन-कौन शामिल

एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 127(2), 115(2), 308(2) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(va) के तहत दर्ज की गई है। छोटू गुर्जर और मुकेश शर्मा को मुख्य आरोपी बनाया गया है।

पांच गिरफ्तार, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जताई चिंता

छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि इस मामले में पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य आरोपी छोटू और मुकेश भी शामिल हैं।

कोरबा सिविल लाइन थाना के निरीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया, “हमने छोटू और मुकेश सहित पाँच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।”

दलित प्रवासी मज़दूर सबसे ज़्यादा शोषित

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के राजस्थान अध्यक्ष भंवर मेघवंशी ने कहा, “हर साल भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद जिलों से हजारों युवक विभिन्न राज्यों में आइसक्रीम ठेले पर काम करने जाते हैं। इनमें से अधिकांश दलित और आदिवासी समुदायों से आते हैं। इन्हें बहुत ही कम वेतन पर रखा जाता है, और मालिक – जो अक्सर सवर्ण समुदाय से होते हैं – न केवल जातिगत भेदभाव करते हैं बल्कि तय वेतन भी नहीं देते और पूरी भोजन व्यवस्था भी नहीं करते।”

उन्होंने कहा कि इन मज़दूरों से दिन में 12-15 घंटे काम लिया जाता है और उन्हें लगभग बंधुआ मजदूर की तरह रखा जाता है।

उन्होंने कहा, “गाली-गलौज, पिटाई और वेतन न देना आम है। ज़्यादातर युवा 18-25 वर्ष के होते हैं, गरीब होते हैं और दलित या पिछड़े समुदाय से आते हैं, इसलिए वे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ नहीं उठा पाते। इन दो युवकों की हिम्मत ने शोषण और अन्याय के पूरे तंत्र को बेनकाब कर दिया है।”

मेघवंशी ने प्रशासन से इस काम की निगरानी के लिए विशेष तंत्र स्थापित करने की मांग की ताकि इस क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

नोट- उक्त रिपोर्ट मूल रूप से द वायर वेबसाइट द्वारा प्रकाशित की जा चुकी है.

यह भी पढ़ें- गुजरात में सामने आया अब तक का सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल घोटाला, 500 गरीब मरीज़ों पर गैरकानूनी दवाओं का परीक्षण

Your email address will not be published. Required fields are marked *