गहलोत सरकार के चार साल: 80 फ़ीसदी से ज्यादा वादे पूरे करने का दावा, कई वादे अभी धरातल पर नहीं

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गहलोत सरकार के चार साल: 80 फ़ीसदी से ज्यादा वादे पूरे करने का दावा, कई वादे अभी धरातल पर नहीं

| Updated: December 17, 2022 14:10

राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot government) 17 दिसंबर को अपनी चौथी वर्षगांठ मनाने जा रही है। 17 अप्रैल 2018 को गहलोत सरकार (Gehlot government) का गठन हुआ था, सरकार के गठन के साथ ही गहलोत सरकार (Gehlot government) ने अपने चुनावी घोषणापत्र (election manifesto) को सरकारी दस्तावेज करार देते हुए जन घोषणापत्र का नाम दिया था।

विपक्ष भले ही गहलोत सरकार के राज को जंगलराज करार दे लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) अपनी सरकार के कई बड़े फैसलों को ऐतिहासिक करार देते हुए देशभर में उसे भुनाने में जुटे हुए हैं। 17 दिसंबर को अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान सरकार का दावा है कि उन्होंने 4 साल में जन घोषणा पत्र के 80 फ़ीसदी से ज्यादा वादों को पूरा कर दिया है जिनमें कई प्रमुख घोषणा भी शामिल हैं, लेकिन जन घोषणा पत्र में अभी भी कई वादे ऐसे हैं जिन्हें धरातल पर उतारना बाकी है।

हालांकि इन प्रमुख घोषणाओं के लिए गहलोत सरकार (Gehlot government) ने कवायद शुरू की थी लेकिन लागू नहीं किया गया है। वही जन घोषणापत्र के शेष बचे बातों को 1 साल के भीतर धरातल पर उतारना गहलोत सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।

इन प्रमुख घोषणाओं का अभी भी धरातल पर उतरना बाकी

सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी (congress party) ने अपने चुनाव घोषणा पत्र (election manifesto) में जो वादे किए गए थे उनमें कई प्रमुख घोषणाएं ऐसी हैं जिन्हें अभी भी धरातल पर उतारना बाकी है, इनमें जवाबदेही कानून, पत्रकार सुरक्षा कानून, मदरसा पैराटीचर को नियमित करने, राइट टू हेल्थ कानून और असंगठित मजदूर कल्याण बोर्ड का गठन जैसे वादे प्रमुख हैं।

जवाबदेही कानून (liability law) और राइट टू हेल्थ कानून (right to health law) का मसौदा बनकर भी तैयार है, लेकिन इसे कानून का रूप देने में गहलोत सरकार (Gehlot government) असफल साबित हुई है। इसके अलावा मदरसा पैराटीचरों (madrassa para teachers) को भी नियमित करने का वादा गहलोत सरकार (Gehlot government) ने अपने जन घोषणा पत्र में किया था लेकिन आज तक 4 साल में मदरसा पैराटीचर्स (madrassa para teachers) को नियमित करने का काम गहलोत सरकार (Gehlot government) नहीं कर पाई।

विप्र कल्याण बोर्ड का वादा पूरा किया

वहीं राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में विप्र कल्याण बोर्ड (Vipra Welfare Board) के गठन का वादा किया था और गहलोत सरकार ने विप्र कल्याण बोर्ड का गठन करके विप्र समाज को साधने का प्रयास किया।

4 साल में इन बड़ी घोषणाओं पर हुआ काम

वहीं गहलोत सरकार के 4 साल के शासन में कई बड़ी घोषणाओं पर भी काम हुआ है और उन्हें धरातल पर उतारा गया है इनमें कई बड़ी घोषणाएं तो ऐसी है जो सीधे जनता से कनेक्ट है। संविदा कर्मचारियों (contract employees) को नियमित करने का मामला, चिरंजीवी योजना, अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूल, ओल्ड पेंशन स्कीम, इंदिरा रसोई योजना, उड़ान योजना ओबीसी आरक्षण में संशोधन सामान्य वर्ग को ईडब्ल्यूएस आरक्षण, पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी जैसे बड़े फैसले लेकर गहलोत सरकार (Gehlot government) ने सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया था तो वही ओल्ड पेंशन स्कीम, चिरंजीवी योजना, महात्मा गांधी स्कूल और उड़ान योजना को गहलोत सरकार देशभर में भुनाने में जुटी है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव (assembly elections) के दौरान भी चुनाव घोषणा पत्रों में राजस्थान की इन प्रमुख योजनाओं को शामिल कराया गया था।

5 साल में तीन लाख पदों पर भर्ती का दावा

गहलोत सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भी 5 साल में 3 लाख सरकारी नौकरी देने का दावा किया था। हालांकि इस पर सरकार की ओर से काम भी किया गया है। 4 साल में 1,35,823 पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है और 1,20096 पदों पर भर्ती प्रकियाधीन है।

फ्लैगशिप योजनाओं पर भी हुआ काम

4 साल में गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं (flagship plans) पर भी काम हुआ है। मुफ्त दवा योजना, नि:शुल्क जांच योजना, जननी सुरक्षा योजना, इंदिरा प्रियदर्शनी योजना, बालिका शिक्षा जैसी फ्लैगशिप योजनाओं पर भी को काम हुआ है।

4 साल में ये भी हुए हैं प्रमुख काम

  • कृषक कल्याण कोष बनाया गया, इसमें साल 2023 के मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की राशि को 2000 से बढ़ाकर 5000 करोड रुपए किया गया।
  • प्रदेश में कुल 54 कृषि महाविद्यालय संचालित हैं इनमें से 42 नए कृषि महाविद्यालय 4 साल में खोले गए हैं।
  • दिसंबर 2018 से किसानों को बिजली के बिलों में 57812 करोड़ रुपए का अनुदान।
  • 4 साल में नए पशु चिकित्सालय खोले गए तथा 18 पशु चिकित्सालय प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया गया।
  • राजस्थान में ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति लागू।
  • 4 साल में 35, 823 पदों पर नियुक्ति 1,20 096 पदों पर भर्ती प्रक्रिया।
  • सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस के जरिए आरक्षण का लाभ।
  • राज्य क्रीड़ा पदक विजेताओं को आउट ऑफ टर्न नौकरी।
  • 29 अगस्त से 1 सितंबर 2022 तक राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक का आयोजन।
  • मेजर ध्यानचंद स्टेडियम योजना के तहत हर ब्लॉक में खेल स्टेडियम निर्मित करने का प्रावधान।
  • 4 वर्षों में प्रदेश में 29 नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वीकृत किए गए।
  • आई एम उड़ान शक्ति योजना के तहत 29 लाख सेनेटरी नैपकिन वितरित किए गए।
  • 500 बालिकाओं की संख्या वाले विद्यालय को महाविद्यालय में परिवर्तित किया।
  • 4 साल में प्रदेश में 15 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए।

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