नई दिल्ली: छोटे और मझोले उद्योगों (SME) की दुनिया में गुजरात ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2026 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में SME IPO लिस्टिंग के मामले में गुजरात पूरे देश में अव्वल रहा है। इस दौरान राज्य की कुल 31 कंपनियाँ शेयर बाज़ार में उतरीं, जो किसी भी राज्य से सबसे ज़्यादा हैं।
हालांकि, IPO के ज़रिए जुटाई गई कुल रक़म के मामले में महाराष्ट्र ने बाज़ी मारी है। आइए जानते हैं कि इस रेस में कौन कहाँ खड़ा है।
आंकड़ों की कहानी: गुजरात और महाराष्ट्र में मज़बूत टक्कर
शेयर बाज़ार के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच गुजरात की 31 SME कंपनियों ने BSE SME और NSE इमर्ज जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी शुरुआत की। इस सूची में महाराष्ट्र 28 लिस्टिंग के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि दिल्ली 20 IPO के साथ तीसरे पायदान पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा।
अगर फंड जुटाने की बात करें, तो यहाँ महाराष्ट्र का पलड़ा भारी रहा। महाराष्ट्र की कंपनियों ने मिलकर ₹1,843 करोड़ की विशाल पूंजी जुटाई। वहीं, गुजरात की कंपनियों ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए ₹1,206 करोड़ हासिल किए। दिल्ली की कंपनियों ने इस अवधि में ₹838 करोड़ जुटाए।
गुजरात के प्रदर्शन को और करीब से देखें तो:
- BSE SME प्लेटफ़ॉर्म पर 15 कंपनियाँ लिस्ट हुईं और ₹501 करोड़ जुटाए।
- NSE इमर्ज प्लेटफ़ॉर्म पर 16 कंपनियाँ लिस्ट हुईं और ₹705 करोड़ की पूंजी हासिल की।
क्यों आगे हैं ये राज्य? विशेषज्ञों की राय
बाज़ार के विशेषज्ञों का मानना है कि गुजरात और महाराष्ट्र दोनों ही देश के SME पावरहाउस हैं। इन राज्यों में इक्विटी बाज़ारों को लेकर जागरूकता ज़्यादा है, जिस वजह से यहाँ की कंपनियाँ IPO लाने में आगे रहती हैं।
शहर की एक स्टॉक ब्रोकिंग फर्म के एमडी और मर्चेंट बैंकर, वनेश पांचाल ने इस पर अपनी राय देते हुए कहा, “भारत की GDP में SME का योगदान बहुत बड़ा है। पहले इन कंपनियों के पास विकास की बड़ी-बड़ी योजनाएँ तो होती थीं, लेकिन उन्हें हक़ीक़त में बदलने के लिए फंड की कमी होती थी।
पिछले एक दशक में स्टॉक एक्सचेंज के SME प्लेटफ़ॉर्म ने इस तस्वीर को बदल दिया है। इसने सैकड़ों SME को न सिर्फ़ पैसा जुटाने में मदद की है, बल्कि उन्हें स्मॉल-कैप कंपनियों में बदलने का रास्ता भी दिखाया है। कई पुरानी SME कंपनियाँ तो अब बड़े मार्केट कैप के साथ मेन प्लेटफ़ॉर्म पर भी पहुँच गई हैं।”
निवेशकों के लिए एक ज़रूरी सलाह
वनेश पांचाल ने आगे बताया कि खुदरा और HNI (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल) निवेशकों की भारी दिलचस्पी के कारण पिछले कुछ सालों में SME प्लेटफ़ॉर्म पर लिस्टिंग की बाढ़ आ गई है। उन्होंने कहा, “गुजरात, जो देश का ग्रोथ इंजन है, इस दौड़ में सबसे आगे है। अभी भी कई बेहतरीन SME कंपनियाँ हैं जिनका बाज़ार में आना बाकी है।”
इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों को एक महत्वपूर्ण सलाह भी दी। “यह सही है कि कई SME IPO ने निवेशकों को तगड़ा मुनाफ़ा दिया है, लेकिन कुछ लिस्टिंग बेहद ख़राब भी साबित हुई हैं।
इसलिए, निवेशकों को किसी भी SME कंपनी में पैसा लगाने से पहले उसकी प्रोफ़ाइल का गहराई से अध्ययन करना चाहिए। आजकल कुछ रातों-रात अमीर बनने की सोच वाले प्रमोटरों ने SME प्लेटफ़ॉर्म को आसान पैसा बनाने का ज़रिया समझ लिया है, इसलिए सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है।”
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