भारत में दुकान लगाने वाले विदेशी ऑटो निर्माताओं के लिए सब कुछ ठीक नहीं है। फोर्ड के देश छोड़ने की खबर के बाद होंडा के नुकसान की खबर सामने आई है।
कोर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में दाखिल रिटर्न के अनुसार, होंडा कार इंडिया ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 1,588 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है जो पिछले वित्तीय वर्ष में दर्ज 1,680 करोड़ रुपये के नुकसान से थोड़ा कम है। यह तीसरी बार है जब जापानी ऑटोमोबाइल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी को अपने भारतीय परिचालन कंपनी से भारी नुकसान हुआ है। वित्त वर्ष 2017 में कंपनी को 2,272 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
इस नुकसान के प्रमुख कारणों में महामारी के कारण बिक्री में गिरावट, कर्मचारियों के अलग होने की लागत और बढ़ा हुआ मूल्यह्रास शुल्क (भारी घाटे के साथ कम दाम में बिक्री) शामिल हैं।
2020-21 में होंडा का राजस्व 11% गिरकर 9,624 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने ग्रेटर नोएडा संयंत्र के कर्मचारियों को दी जाने वाली स्वैच्छिक पृथक्करण योजना पर 463 करोड़ रुपये खर्च किए, जो अब बंद हो गया है। इसका त्वरित मूल्यह्रास 587 करोड़ रुपये है।