नई दिल्ली — भारत ने बुधवार तड़के पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्र में कई स्थानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है। पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्यवाही” बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया देने की चेतावनी दी है।
भारत का कहना है कि ये हमले उन आतंकियों के ठिकानों पर किए गए जो पिछले महीने भारतीय कश्मीर में पर्यटकों पर हुए हमले में शामिल थे। उस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू तीर्थयात्री थे।
पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में कई भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया है। तीन विमान भारत के कश्मीर क्षेत्र में अलग-अलग गांवों में गिरे। वहीं, पाकिस्तानी गोलाबारी में भारत के पूंछ जिले में कम से कम सात नागरिकों की मौत और कई घायल होने की सूचना है।
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दोनों देशों के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने भारत के हमले की निंदा करते हुए कहा, “भारत द्वारा थोपे गए इस युद्ध का पाकिस्तान माकूल जवाब देगा।”
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने भी बुधवार सुबह बैठक की और भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब कर विरोध दर्ज कराया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। यूएन प्रवक्ता ने कहा, “दुनिया एक और सैन्य टकराव झेल नहीं सकती।”
भारत में सिविल डिफेंस अलर्ट पर
भारत के गृह मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को कई राज्यों में नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों को संभावित “शत्रु हमलों” से निपटने के लिए नागरिक सुरक्षा अभ्यास (civil defense drills) आयोजित किए जा रहे हैं।
राजनीतिक स्तर पर भी हमलों को लेकर समर्थन मिला है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “भारत माता की जय।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सेना के साहस की सराहना करते हुए एकजुटता का आह्वान किया।
भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को “सिंदूर” नाम दिया है — जो विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला लाल चूर्ण होता है — एक प्रतीक जो उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पति पिछले हमले में मारे गए।
हमलों में मस्जिदें और पुरानी आतंकी ठिकानों पर हमला
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ के अनुसार, भारत की मिसाइलें पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर और पंजाब प्रांत में छह स्थानों पर गिरीं। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। 38 अन्य घायल हुए और सीमा पार फायरिंग में पांच और लोगों की जान गई।
बावलपुर की एक मस्जिद पर मिसाइल गिरने से 13 लोगों की मौत हुई। यह मस्जिद एक ऐसे मदरसे के पास है जो पहले प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था। मुरीदके की एक अन्य मस्जिद भी हमले में क्षतिग्रस्त हुई। इसके पास लश्कर-ए-तैयबा का पुराना मुख्यालय था।
भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन “फोकस्ड, मापे गए और गैर-उत्तेजक (non-escalatory)” थे और किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। “भारत ने काफी संयम दिखाया है,” मंत्रालय ने कहा।
दोनों तरफ दहशत और तबाही
पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर की राजधानी मुज़फ्फराबाद में विस्फोटों से घरों को नुकसान पहुंचा। स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ ने कहा, “हम डर गए थे कि अगली मिसाइल हमारे घर पर न गिरे।”
भारत के पुंछ ज़िले में भारी गोलीबारी और गोलाबारी में सात नागरिकों की मौत हो गई और करीब 30 घायल हुए। कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।
भारत में विमान दुर्घटनाएं, पाक का दावा
पाकिस्तान का दावा है कि उसकी वायु सेना ने पांच भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए। भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
वायुसेना के तीन मलबे वुयान, भरधा कलां (जम्मू-कश्मीर) और पंजाब में मिले। एक स्कूल और मस्जिद परिसर पर भी मलबा गिरा। स्थानीय लोगों ने बताया कि दो घायल पायलटों को सेना ने मौके से ले जाया।
चीन ने भी दी प्रतिक्रिया
चीन ने भारत के हमलों पर “गंभीर चिंता” जताई और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करते हैं, लेकिन हम भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील करते हैं।”
चीन, पाकिस्तान का सबसे बड़ा निवेशक है और उसका 65 बिलियन डालर का चीन–पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर (CPEC) प्रोजेक्ट पाकिस्तान में चल रहा है। वहीं भारत के साथ भी उसका सीमा विवाद है, जिसमें एक दावा कश्मीर के उत्तर-पूर्वी हिस्से से जुड़ा है।
युद्ध की आशंका बढ़ी
दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन ने इसे वर्षों में भारत द्वारा की गई सबसे तीव्र सैन्य कार्रवाई बताया। उन्होंने चेतावनी दी, “दोनों देशों के पास मजबूत पारंपरिक सेनाएं हैं और परमाणु हथियारों के बावजूद वे एक-दूसरे पर सैन्य बल का प्रयोग करने से नहीं हिचकते।”
स्थिति को लेकर पूरी दुनिया सतर्क है, क्योंकि यह टकराव जल्द ही युद्ध की ओर बढ़ सकता है।
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