ऑनलाइन मर्चेंट आपके कार्ड डेटा को स्टोर नहीं कर सकते: आरबीआई - Vibes Of India

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ऑनलाइन मर्चेंट आपके कार्ड डेटा को स्टोर नहीं कर सकते: आरबीआई

| Updated: August 24, 2021 15:58

अब डिजिटल दुकानदारों के लिए ई-कॉमर्स साइटों पर एक ही क्लिक में खरीदारी उपलब्ध नहीं हो सकती है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कार्ड डेटा स्टोरेज मानदंडों पर अपने नियम-शर्तों को लागू करने जा रहा है।

आरबीआई द्वारा उठाए गए इस सख्त कदम के पीछे देश में इंटरनेट ब्राउजिंग पर रैंसमवेयर हमलों का एक बड़ा कारण माना जा रहा है, जहां इंटरनेट के लिए खुले कंप्यूटर नेटवर्क को मैलवेयर (साइबर सुरक्षा के लिए नुकसानदेह प्रोग्रामिंग वायरस) द्वारा हाईजैक कर लिया गया है।

पेमेंट गेटवे और पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए नए दिशानिर्देशों के संबंध में, अब ऑनलाइन व्यापारी क्रेडिट कार्ड डेटा को स्टोर नहीं कर पाएंगे, जिससे ग्राहकों को अपने 16-अंकीय नंबर्स को मैन्युअल रूप से दर्ज करना पड़ेगा। जो ग्राहकों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से हितकर है।

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह किसी भी ऑनलाइन मर्चेंट को डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी स्टोर करने की इजाजत नहीं देगा, चाहे उनका सिस्टम कितना भी सुरक्षित क्यों न हो।

आरबीआई के अनुसार, भुगतान डेटा का टोकन है। इसका मतलब यह होगा कि ई-कॉमर्स साइटों को कार्ड नेटवर्क के साथ गठजोड़ करना होगा जो उन्हें प्रत्येक कार्ड नंबर से जुड़े ‘टोकन’ जारी करेगा। इस तरह इन टोकन का उपयोग कोई और नहीं कर सकता। एक बैंकर के मुताबिक, इससे भले ही थोड़े समय के लिए दिक्कत हो, लेकिन इससे इंडस्ट्री को फायदा होगा। “जब आरबीआई ने टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (उच्च स्तरीय सुरक्षा) को अनिवार्य किया, तो पूरा उद्योग सुरक्षित हो गया। पांच साल के दौरान धोखाधड़ी के मामलों में कमी से इस कदम की प्रशंसा हुई और वैश्विक स्तर पर भी यही तकनीकी अपनाई गई”।

आरबीआई के नियम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई का उपयोग करके भुगतान करने के लिए भी विस्तारित है। हालांकि, बैंकरों का कहना है कि यूपीआई पहले से ही एक ‘टोकन’ है क्योंकि कार्ड और ग्राहक विवरण ईमेल जैसी आईडी से जुड़े होते हैं।

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