यूपी निकाय चुनाव में OBC आरक्षण रद्द - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

यूपी निकाय चुनाव में OBC आरक्षण रद्द

| Updated: December 27, 2022 17:52

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया और ओबीसी के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का आदेश दिया है। यह फैसला जस्टिस डीके उपाध्याय (DK Upadhyay) और जस्टिस सौरव लवानिया (Saurav Lavania) की खंडपीठ ने सुनाया।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक Uttar Pradesh Deputy Chief Minister Brajesh Pathak ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि इसकी समीक्षा करेंगे और हम हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहते हैं, हम हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाले लोग हैं। वहीं इस मामले को लेकर केशव प्रसाद मोर्य Keshav Prasad Maurya ने कहा कि हम पिछड़ों के हक के लिए हमेशा लड़ने को तैयार हैं। उनके इस बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव SP chief Akhilesh Yadav ने कहा कि केशव प्रसाद मोर्य SP chief Akhilesh Yadav पिछड़ों को हक नहीं दिला सकते हैं। बीजेपी सरकार दलितों का आरक्षण Dalit reservation भी छीन लेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Chief Minister Yogi Adityanath ने इस मामले को लेकर एक ट्वीट किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन Uttar Pradesh Government Urban Body General Election के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट triple test के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके बाद ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जरूरत हुई तो सरकार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट Supreme court का भी रुख करेगी।

सुप्रीम कोर्ट Supreme court द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले का पालन किए बिना ओबीसी आरक्षण OBC Reservation के मसौदे को तैयार करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं public interest litigation के बाद यह फैसला आया है। मामले पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने The Lucknow Bench of the Allahabad High Court मंगलवार को 70 पेजों का फैसला सुनाया है। फैसले के बाद ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें अब जनरल (सामान्य) मानी जाएंगी। हाईकोर्ट ने इस फैसले के साथ ही तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को बताया था कि वह शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुझाए गए ‘ट्रिपल टेस्ट’ फॉर्मूले का पालन कर रही है। लेकिन कोर्ट में दर्ज याचिकाओं में कहा गया कि सरकार ने ओबीसी आरक्षण जारी करने के लिए ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला नहीं अपनाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला के मुताबिक राज्य को एक कमीशन बनाना होगा जो अन्य पिछड़ा वर्ग की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट देगा और जिसके आधार पर आरक्षण लागू होगा। आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट यानी 3 स्तर पर मानक रखे जाएंगे जिसे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला कहा गया है। इस टेस्ट में देखना होगा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति है? उनको आरक्षण देने की जरूरत है या नहीं? उनको आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता है।

कौन हैं मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार हसमुख आढिया और सलाहकार एस.एस. राठौर

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d