विपक्षी गठबंधन INDIA में मतभेद और गहरा हो गया है, क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गठबंधन का नेतृत्व सौंपने का समर्थन किया है। यह नेतृत्व विवाद उस समय सामने आया है, जब कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार के बाद अपने प्रदर्शन को लेकर संघर्ष कर रही है, जबकि हालिया लोकसभा चुनावों में उसे अच्छी सफलता मिली थी।
लालू यादव ने किया ममता का समर्थन
ममता बनर्जी के नेतृत्व के लिए अपनी दावेदारी पेश करने के बाद से ही कई गैर-कांग्रेसी पार्टियां उनके समर्थन में एकजुट हो रही हैं। इनमें जगन मोहन रेड्डी की YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP), समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट), और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) शामिल हैं।
अब लालू प्रसाद यादव ने भी ममता बनर्जी के पक्ष में खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “हम ममता बनर्जी का समर्थन करेंगे। उन्हें INDIA गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए।”
जब उनसे कांग्रेस की आपत्तियों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा, “कांग्रेस का विरोध कोई फर्क नहीं डालता।”
लालू यादव के बेटे और RJD के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने भी ममता बनर्जी के नेतृत्व को लेकर अपनी सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी के नेतृत्व से हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह निर्णय सर्वसम्मति से होना चाहिए।”
YSRCP का भी ममता को समर्थन
दिलचस्प बात यह है कि YSRCP, जिसे अब तक बीजेपी के करीब माना जाता था, अब ममता बनर्जी के पक्ष में खड़ी हो गई है। YSRCP के राज्यसभा सांसद विजयसाई रेड्डी ने ट्वीट किया, “ममता बनर्जी INDIA गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए आदर्श उम्मीदवार हैं। उनके पास राजनीतिक और चुनावी अनुभव है। वह एक बड़े राज्य की मुख्यमंत्री हैं और बार-बार अपनी काबिलियत साबित कर चुकी हैं।”
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम जगन मोहन रेड्डी द्वारा विपक्षी गठबंधन से करीबी बढ़ाने की कोशिश हो सकती है, खासकर तब जब बीजेपी के साथ उनके समीकरण कमजोर हो गए हैं।
कांग्रेस को ‘अहंकार छोड़ने’ की सलाह
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह गठबंधन की भलाई के लिए अपना अहंकार छोड़ दे। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को समझना चाहिए कि उसके नेतृत्व में INDIA गठबंधन सफल नहीं हो पाया है। अगर ममता बनर्जी नेता बनती हैं, तो स्थिति बेहतर होगी। ममता बनर्जी को राजनीतिक लड़ाइयों का अनुभव है। कांग्रेस को अपना अहंकार त्यागना चाहिए।”
कल्याण बनर्जी ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी को कांग्रेस ने अपने दल से निकालकर गलती की थी, और आज उनका कद यह साबित करता है कि वह कितनी सक्षम नेता हैं।
कांग्रेस का विरोध
हालांकि, कांग्रेस ने ममता बनर्जी के नेतृत्व को लेकर संदेह जताया है। कांग्रेस सांसद माणिकम टैगोर ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) की पश्चिम बंगाल के बाहर की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “बंगाल के अलावा, TMC की हिट रेट क्या है? गोवा, त्रिपुरा, मेघालय, असम, नागालैंड और अरुणाचल में क्या हुआ? TMC को इस पर स्पष्टता देनी चाहिए।”
आगे क्या होगा?
INDIA गठबंधन के भीतर बढ़ते मतभेद यह दिखाते हैं कि विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियों के गठजोड़ को एकजुट बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण है। प्रमुख नेताओं के अलग-अलग रुख और कांग्रेस के विरोध के बीच यह सवाल अब भी बना हुआ है कि विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा।
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