नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने कहा है कि अमेरिका अब भारत की यह स्थिति भलीभांति समझ चुका है कि पाकिस्तान के साथ “बंदूक की नोक पर” कोई बातचीत नहीं हो सकती।
थरूर, जो ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी नीति-निर्माताओं को जानकारी देने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने अमेरिका की उस बात को भी सिरे से खारिज किया जिसमें कहा गया था कि उनकी ट्रेड डिप्लोमेसी ने भारत-पाक टकराव को टालने में बड़ी भूमिका निभाई।
उन्होंने यह टिप्पणी वॉशिंगटन डीसी के नेशनल प्रेस क्लब में एक संवाद सत्र के दौरान की।
“भारत का रुख स्पष्ट है”
थरूर ने कहा, “मुझे लगता है कि अमेरिका अब समझ गया है कि भारत की स्थिति बिल्कुल साफ है—बंदूक की नोक पर कोई बातचीत नहीं होगी। ऐसा नहीं है कि हम पाकिस्तान से बात नहीं कर सकते। हम उनकी हर भाषा में संवाद कर सकते हैं, लेकिन उन लोगों से नहीं जो सिर पर बंदूक ताने खड़े हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर आपका पड़ोसी अपने खूंखार कुत्ते (आतंकियों) को आपके बच्चों को काटने भेजे और फिर कहे ‘चलो बात करते हैं’, तो क्या आप बात करेंगे? पहले उन्हें काबू में करें, तब बात होगी।”
“हम अपनी बात समझाने आए हैं, मांगने नहीं”
थरूर ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी दौरे का उद्देश्य किसी तरह की मांग रखना नहीं है, बल्कि भारत की स्थिति को बेहतर ढंग से समझाना है। उन्होंने कहा, “हम यहां कोई नतीजे तय करने नहीं आए हैं, यह सरकार का काम है। हमारा काम है—स्थिति स्पष्ट करना, यदि कोई भ्रम है तो उसे दूर करना। हम उनसे बस इतना चाहते हैं कि वे हमारी बात समझें और यदि दोबारा ऐसी स्थिति आए तो हमारे साथ खड़े हों।”
“पाकिस्तान को चेतावनी—अब माफ़ी नहीं”
पिछले महीने पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में किए गए जवाबी सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा, “जिन इमारतों और कैंपों को हमने तबाह किया है, वे छह या नौ महीनों में फिर बन सकते हैं। लेकिन अगर वे सोचते हैं कि वे हमें बार-बार चोट पहुंचा सकते हैं, तो उन्हें जवाब मिलेगा। अगर वे हमला करेंगे, तो हम भी करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत चाहता है कि दुनिया यह समझे कि “जो अभी हुआ, वह फिर भी हो सकता है अगर पाकिस्तान अपने ज़मीन पर पल रहे आतंकियों को नहीं रोकेगा।”
“ट्रेड डिप्लोमेसी की भूमिका नहीं थी”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस बात के दावे को कि व्यापारिक कूटनीति ने युद्ध रोका, खारिज करते हुए थरूर ने कहा, “मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। हां, अमेरिका सहित कई देशों ने हमारे विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से संपर्क किया। लेकिन किसी कॉल में ‘ट्रेड’ का जिक्र नहीं हुआ।”
उन्होंने कहा कि भारत की ओर से जवाब साफ था—“हम एक आतंकवादी हमले का प्रतिशोध ले रहे हैं। हम संघर्ष को आगे बढ़ाने में रुचि नहीं रखते। अगर पाकिस्तान रुकेगा, तो हम भी रुकेंगे।”
“भारत ने कभी टकराव की शुरुआत नहीं की”
थरूर ने अंत में कहा, “हमने किसी को मनाने की ज़रूरत नहीं समझी। हमने हर कॉल में यही कहा कि हम तैयार हैं संघर्ष रोकने के लिए, बशर्ते पाकिस्तान रुके। शुरुआत उन्होंने की थी, जवाब हमने दिया।”
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