- समाजवादी नेता के पुत्र समेत ,फांसी की सजा पाए 10 आरोपी उत्तर प्रदेश के जिनमे 5 आजमगढ़ के
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट’ में आजमगढ़ के संजरपुर का भी एक आतंकवादी था, उस आतंकवादी को आज माननीय न्यायालय ने मृत्यु दण्ड की सजा दी है।
‘उस आतंकवादी के पिता का संबंध, उसके परिवार का संबंध समाजवादी पार्टी से है।’
अहमदाबाद जिला सत्र न्यायालय द्वारा अहमदाबाद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस के 49 दोषियों को सजा सुनाने ( 38 को फांसी 11 को आजीवन कारावास ) के कुछ ही घंटे बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहमदाबाद से 1250 किलोमीटर दूर तीसरे चरण के चुनाव प्रचार ख़त्म होने के पहले अपने आखरी सभा में व्यक्त किये |
उत्तरप्रदेश में तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को है। अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट का फैसला उत्तर प्रदेश में खूब गूंजेगा , कारण साफ़ है 49 दोषियों में मास्टर माइंड अबू बशर समेत 10 आरोपी उत्तरप्रदेश है।
जिनमे अबू बशर शेख ,उसके साथ सैफ अंसारी, मोहम्मद सैफ शेख, सैफ अंसारी, जीशान शेख, जियाउर रहमान, तनवीर पठान, अबरार मणियार, आरिफ मिर्जा और मोहम्मद शकील का समावेश है।
मोहम्मद सैफ शेख के पिता सादाब अहमद शेख आजमगढ़ जिला में समाजवादी पार्टी के पुराने नेता में शुमार है , वह महासचिव रह चुके है। आजमगढ़ सांसद और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नजदीकी में शुमार है।
आजमगढ़ का ही है मास्टरमाइंड अबू बशर
प्रदेश का आजमगढ़ जिला आतंकी कनेक्शन को लेकर एक बार फिर से चर्चा में है।
गुजरात के अहमदाबाद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने 49 दोषियों के लिए सजा का ऐलान करते हुए 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें आजमगढ़ के सरायमीर का अबू बशर भी है।
आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापार निवासी अबू बशर को हमले का मास्टर माइंड माना जाता है।
इसके साथ ही उत्तरप्रदेश के संजरपुर निवासी मोहम्मद आरिफ, बाज बहादुर निवासी मोहम्मद सैफ, कंधरापुर थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी शकीब निसार, बदरका चौकी का रहने वाला शैफुर रहमान प्रमुख है।
इन सभी को फांसी की सजा कोर्ट ने सुनाई है। आजमगढ़ मॉड्यूल के सबसे खूंखार अबू बशर को उत्तर प्रदेश से गुजरात लाने के लिए गुजरात सरकार को स्पेशल एयरक्राफ्ट भेजना पड़ा था।
जिसका उल्लेख गुजरात भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल ने अपनी पत्रकार परिषद में भी किया।
इस केस में उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ के कुछ आरोपित को पहले बरी भी किया गया है।आजमगढ़ जिले में सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापार गांव के निवासी अबू बशर को अहमदाबाद सीरियल बम धमाकों का मास्टर माइंड माना गया था।
संजरपुर के रहले वाले मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद सैफ के बाज बहादुर, कंधरापुर क्षेत्र के शाहपुर के शकीब निसार, बदरका चौकी के शैफुर रहमान का नाम आतंकियों में शामिल था।
इन सभी में से शाकिब निसार, हबीब अहमद, जाकिर शेख को सुबूत के अभाव मे पहले बरी किया जा चुका है।
अबू बशर का अहमदाबाद ही नहीं लखनऊ, जयपुर और दिल्ली में हुए बम धमाकों में भी नाम आया था
अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट केस में उत्तर प्रदेश के युवकों को दोषी पाया गया था। इनमें से पांच उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले हैं। एक-एक दोषी उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर, मेरठ और बिजनौर के हैं।
आजमगढ़ के बीनापार का रहने वाला अबू बशर इस हमले का मास्टर माइंड था। अबू बशर का अहमदाबाद ही नहीं लखनऊ, जयपुर और दिल्ली में हुए बम धमाकों में भी नाम आया था। इनके गैंग का नाम भी इंडियन मुजाहिद्दीन आजमगढ़ मॉड्यूल के नाम से चिह्नित किया गया था।
बिजनौर के पठानपुरा का रहने वाला मोहम्मद तनवीर भी आरोपी है। इस केस से बुलंदशहर के लोहरका गांव के रहने वाले शकील का नाम 2008 में सामने आया था।
जिन 49 लोगों को सजा सुनाई गई है। उसमें से दस लोग उत्तर प्रदेश के
उत्तर प्रदेश के दस : अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में जिन 49 लोगों को सजा सुनाई गई है। उसमें से दस लोग उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें अबू बशर शेख को फांसी की सजा सुनाई गई है।
उसके साथ सैफ अंसारी, मोहम्मद सैफ शेख, सैफ अंसारी, जीशान शेख, जियाउर रहमान, तनवीर पठान, अबरार मणियार, आरिफ मिर्जा और मोहम्मद शकील को भी फांसी की सजा दी गई है।
शाही इमाम ,अबू आजमी ने किया था बचाव
सीरियल ब्लास्ट में उत्तरप्रदेश के अबू बशर को आरोपित करने के मामले में दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम ने बचाव किया था। शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने कहा था कि सरकारी जांच एजेंसियां मुस्लिम विरोधी नीतियों पर काम कर रही हैं। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के साथ बुखारी ने कहा कि नीतियां पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं।
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क्या है मामला
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी, इसके साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे। 21 सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
इन धमाकों की गूंज से हर कोई स्तब्ध था। इस मामले में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। एक घंटे के भीतर 21 बम धमाके हुए थे। अहमदाबाद पुलिस ने इस मामले में 20 प्राथमिकी दर्ज की थी।
सूरत में भी 15 और एफआईआर दर्ज की गईं थी। इन बम धमाकों में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश भी दिए थे। इस केस में पांच लाख पन्नों का आरोप पत्र पेश किया गया। जिसके बाद विशेष अदालत ने 49 दोषियों के लिए सजा का ऐलान करते हुए 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।