अमेरिका के वर्जीनिया में रहने वाले 37 वर्षीय नरेश भट्ट पर चार महीने पहले अपनी पत्नी ममता काफ्ले भट्ट की गुमशुदगी के बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया है। अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार, नरेश ने अपनी पत्नी के गायब होने से कुछ महीने पहले गूगल पर खोजा था, “पत्नी की मृत्यु के बाद शादी करने में कितना समय लगता है?”
28 वर्षीय ममता काफ्ले भट्ट एक नर्स और एक छोटी बेटी की मां थीं।
नरेश भट्ट, जो वर्जीनिया के मैनसस पार्क के निवासी हैं, पर शव को छुपाने और उसके साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप है। यह जानकारी प्रिंस विलियम काउंटी के अदालत रिकॉर्ड से मिली है।
ममता और नरेश, दोनों नेपाली मूल के थे। ममता का परिवार नेपाल के काभ्रेपलांचोक जिले से है, जबकि नरेश का संबंध कंचनपुर जिले से है।
पूर्व फेयरफैक्स काउंटी पुलिस रिक्रूट और अमेरिकी सेना रिजर्व के लॉजिस्टिक्स विशेषज्ञ नरेश भट्ट मंगलवार को अदालत में पेश होंगे, जहां उन पर औपचारिक रूप से आरोप तय किए जाएंगे।
जांच में मिले अहम सबूत
अधिकारियों ने सोमवार को पुष्टि की कि दंपति के घर से मिले खून के नमूने डीएनए जांच में ममता के खून से मेल खाते हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि ममता की हत्या 29 जुलाई को की गई थी।
घर की तलाशी में मुख्य शयनकक्ष में खून के धब्बे और कालीन पर गुलाबी दाग मिले। इसके अलावा, बाथरूम में खून के निशान मिले, जिससे संकेत मिला कि किसी चीज़ को “फर्श पर घसीटा गया” था।
सीसीटीवी फुटेज में भट्ट को अपनी पत्नी के गायब होने के बाद के दिनों में कचरे के बैग डंपस्टर और कंप्रेसर में फेंकते हुए देखा गया। इसके अलावा, जांच में यह भी पाया गया कि भट्ट ने ममता की हत्या के दिन वॉलमार्ट से चाकू खरीदे थे।
मैनसस पार्क के पुलिस प्रमुख मारियो लूगो ने पत्रकारों को बताया, “शुरुआत से ही हमारा मानना था कि यह हत्या का मामला है… अपराध स्थल के आधार पर।” उन्होंने कहा कि सबूत बताते हैं कि ममता के शव के टुकड़े किए गए थे। “हमें लगता है कि हमारा मामला मजबूत है।”
गुमशुदगी ने बढ़ाई चिंताएं
अमेरिका में नेपाली समुदाय की प्रिय सदस्य ममता 1 और 2 अगस्त को अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं, जिसके बाद उनके सहकर्मियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने 2 अगस्त को दंपति के घर जाकर जांच की।
उस समय, नरेश ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया। तीन दिन बाद, 5 अगस्त को उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ममता को आखिरी बार 31 जुलाई को रात के खाने के दौरान देखा था और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
22 अगस्त को घर की तलाशी के बाद नरेश को गिरफ्तार कर लिया गया। सितंबर में अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी, और तब से वे हिरासत में हैं।
समुदाय में शोक की लहर
ममता की गुमशुदगी और हत्या ने नेपाली समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। अपनी बेटी के प्रति समर्पण और अपने काम के प्रति लगन के लिए जानी जाने वाली ममता को सहकर्मियों, दोस्तों और परिवारजनों द्वारा याद किया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार, यह मामला बेहद चिंताजनक है, और आरोपी नरेश भट्ट पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मामला अब भी अदालत में चल रहा है।
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