comScore एयर इंडिया क्रैश: अहमदाबाद हादसे से पहले मार्च-अप्रैल में हुई थी इंजन की जांच, एयरलाइन प्रमुख का दावा - Vibes Of India

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एयर इंडिया क्रैश: अहमदाबाद हादसे से पहले मार्च-अप्रैल में हुई थी इंजन की जांच, एयरलाइन प्रमुख का दावा

| Updated: June 20, 2025 13:12

अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया ड्रीमलाइनर हादसे में 271 लोगों की मौत हुई। विमान के इंजन मार्च और अप्रैल में जांचे गए थे। अब ब्लैक बॉक्स से कारणों की जांच जारी है।

नई दिल्ली: अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के 36 सेकंड के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया ड्रीमलाइनर के दाहिने इंजन का मार्च 2025 में ओवरहॉल किया गया था, जबकि बाएं इंजन की अप्रैल में जांच हुई थी। यह जानकारी एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने गुरुवार को दी।

लंदन गैटविक के लिए रवाना हुआ यह बोइंग 787 विमान “पूरी तरह से मेंटेन” था। इसकी पिछली बड़ी तकनीकी जांच जून 2023 में हुई थी और अगली दिसंबर 2025 में निर्धारित थी, विल्सन ने एयरलाइन के लॉयल्टी प्रोग्राम ‘महाराजा क्लब’ के सदस्यों को भेजे गए एक ईमेल में कहा।

विल्सन के अनुसार, उड़ान से पहले विमान और उसके इंजनों में कोई खराबी नहीं पाई गई थी, और दोनों पायलट – कैप्टन सुमीत सबरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर – के पास कुल मिलाकर 13,400 घंटे का उड़ान अनुभव था।

यह स्पष्टीकरण उस समय आया है जब एयर इंडिया के 33 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों (अब 32) की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। शुरुआती जांच में दोहरे इंजन फेल होने या इलेक्ट्रॉनिक/हाइड्रोलिक सिस्टम में पूरी तरह से गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। इस आशंका को ‘राम एयर टर्बाइन’ (RAT) के सक्रिय होने के दृश्य और ऑडियो प्रमाण भी समर्थन दे रहे हैं।

इंटरनेशनल समाचार एजेंसी से बात करते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि विमान या उसके इंजन की उम्र से उसकी स्थिति का सीधा संबंध नहीं होता, खासकर जब बात बोइंग 787-8 में लगे Genx-1B इंजनों की हो।

पूर्व विमानन जांचकर्ता किशोर चिंता के अनुसार, इन इंजनों की निगरानी ‘फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल’ (FADEC) सॉफ्टवेयर द्वारा की जाती है, जो समय रहते किसी गड़बड़ी को अलर्ट कर देता है। हालांकि, कुछ पार्ट्स ऐसे होते हैं जिन्हें नियमित अंतराल पर बदलना अनिवार्य होता है।

विल्सन ने यह भी बताया कि एयर इंडिया की पूरी ड्रीमलाइनर फ्लीट पर “सघन सुरक्षा जांच” शुरू कर दी गई है, जिनमें से 26 विमानों को उड़ान की अनुमति दी जा चुकी है। हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर, सभी बोइंग 787 विमानों पर “एन्हांस्ड प्री-फ्लाइट चेक” अनिवार्य किए गए हैं, जिससे वाइडबॉडी विमानों के उपयोग में 15% की कटौती करनी पड़ रही है। यह स्थिति जुलाई मध्य तक जारी रहने की संभावना है।

विल्सन ने कहा कि इन अतिरिक्त जांचों और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में एयरस्पेस बंद होने की वजह से एयर इंडिया को लंबी दूरी की उड़ानों पर “असामान्य रूप से ज्यादा कैंसिलेशन” करना पड़ा है।

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के अनुसार, दुर्घटना के बाद से एयर इंडिया ने अब तक 66 ड्रीमलाइनर उड़ानें रद्द की हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 22 उड़ानें दुर्घटना के अगले दिन रद्द की गईं।

AI-171: 272 यात्रियों वाली फ्लाइट की दर्दनाक कहानी

12 जून को दोपहर 1:39 बजे, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी। उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को ‘थ्रस्ट न मिलने’ की सूचना दी और “मेडे! मेडे! थ्रस्ट नॉट अचीव्ड…” कहते हुए रेडियो संपर्क टूट गया।

कुछ ही सेकंड में विमान एयरपोर्ट से लगभग 2 किलोमीटर दूर मेघाणी नगर क्षेत्र में रिहायशी इमारतों से टकरा गया, जिसमें मेडिकल छात्रों का एक हॉस्टल भी शामिल था। हादसे में विमान में सवार सभी 272 यात्रियों और 10 क्रू मेंबर्स में से सिर्फ एक ब्रिटिश-भारतीय यात्री ही चमत्कारिक रूप से जीवित बचा। ज़मीन पर कम से कम 33 लोगों की जान गई।

एक किशोर द्वारा मोबाइल से रिकॉर्ड की गई घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें विमान को संघर्ष करते और इंजन की तीव्र आवाज़ों के साथ नीचे गिरते हुए देखा जा सकता है। टक्कर के बाद विमान की पूंछ हॉस्टल की इमारत से बाहर झांकती हुई नजर आई।

हादसे में पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी विमान में सवार थे।

ब्लैक बॉक्स बरामद, लेकिन क्षतिग्रस्त

जांचकर्ताओं ने फ्लाइट का डेटा रिकॉर्डर और वॉयस रिकॉर्डर – जिसे सामूहिक रूप से ‘ब्लैक बॉक्स’ कहा जाता है – बरामद कर लिया है। हालांकि, ये डिवाइसेज़ आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं और इनसे डेटा निकालने के लिए विशेष प्रक्रिया की जरूरत होगी।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि डेटा रिकवरी भारत में की जाएगी या अमेरिका जैसे किसी देश में। यदि ब्लैक बॉक्स विदेश भेजा जाता है तो भारतीय अधिकारी जांच प्रक्रिया के दौरान वहां मौजूद रहेंगे ताकि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित हो सके।

यह हादसा भारत में विमानन सुरक्षा और मेंटेनेंस मानकों पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठा रहा है। एयर इंडिया द्वारा यात्रियों को आश्वस्त करने और विस्तृत जांच शुरू करने के बाद भी अंतिम निष्कर्ष जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा, जो भविष्य में इस तरह की त्रासदी को रोकने में मदद करेगा।

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