राजस्थान में राज्यसभा का चुनाव फसता जा रहा है , जिसकी पहले से उम्मीद थी। कांग्रेस ने राज्यसभा के तीनो प्रत्याशी राज्य के बाहर से दिए हैं , जिसकी नाराजगी कांग्रेस विधायकों ने खुल कर जतयी है , मौके का फायदा उठाने के लिए भाजपा ने दूसरे उम्मीदवार के तौर पर उद्योगपति और मीडिया घराने के प्रमुख सुभाष चंद्रा को उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल करा दिया है। अब चौथी सीट के लिए यहां मुकाबला होगा।
क्या है वोटो का समीकरण
पिछली बार चंद्रा हरियाणा से निर्दलीय चुनाव जीतकर आए थे. हालांकि तब भी बीजेपी ने समर्थन किया था.बीजेपी के पास अपने उम्मीदवार जिताने के बाद 31 सरप्लस वोट बचते हैं. वहीं सुभाष चंद्रा को जीतने के लिए 11 अतिरिक्त वोट चाहिए. जबकि कांग्रेस को अपना उम्मीदवार जिताने के लिए 15 अतिरिक्त वोट चाहिए. राजस्थान में 200 सीटों की विधानसभा है और राज्यसभा के एक उम्मीदवार के लिए 41 वोट चाहिए.कांग्रेस के पास 108 और बीजेपी के पास 71 विधायक हैं. 13 निर्दलीय, 3 आरएलपी, 2 बीटीपी, दो माकपा और एक आरएलडी विधायक है. बीजेपी को चौथी सीट के लिए निर्दलीयों पर भरोसा है. वहीं कांग्रेस को 11 निर्दलियों, 2 सीपीएम और एक आरएलडी के समर्थन का भरोसा है.
बीजेपी के समर्थन से एस्सेल ग्रुप के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए चौथे उम्मीदवार हैं. राजस्थान में राज्यसभा के लिए चार सीटें हैं. दो कांग्रेस और तीसरी सीट बीजेपी आसानी से जीत लेगी. कांग्रेस के तीन उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी हैं. वहीं बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम तिवारी पूर्व एमएलए और वसुंधरा कैबिनेट से मंत्री रहे हैं.
चुनाव प्रबंधको की हो जाएगी परीक्षा
राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव है. यदि गहलोत तीसरे उम्मीदवार को जीता पाने में असफल होते हैं तो उनकी सरकार पर भी सवाल खड़े होने लगेगें , हालांकि कांग्रेस के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय ,और अन्य दलों के विधायकों को जोड़ दे तो यह संख्या 124 हो जाती है , जबकि यह तीनो को जीतने के लिए 123 मत चाहिए यानि एक मत ज्यादा है , केवल एक यही चुनाव को दिलचस्प बना रहा है। चुनाव प्रबंधको की परीक्षा हो जाएगी।