8 लाख रुपये से कम आमदनी वालों को मिले इनकम टैक्स की छूट, मद्रास हाई कोर्ट में याचिका

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

8 लाख रुपये से कम आमदनी वालों को मिले इनकम टैक्स की छूट, मद्रास हाई कोर्ट में याचिका

| Updated: November 22, 2022 20:29

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता (validit) को बनाए रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को देखते हुए टैक्स के लिए बेस इनकम के तौर पर 2.5 लाख के निर्धारण को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। बता दें कि संविधान के 103वें संशोधन में 7,99,999 रुपये से कम सकल वार्षिक आय (gross annual income) वाले समाज के आर्थिक रूप से कमजोर (EWS ) वर्गों को रिजर्वेशन दिया गया है। इस तरह इस रिजर्वेशन में अनारक्षित जातियों के लोगों में से जिन की सालाना कमाई 7,99,999 रुपये तक है उनको आर्थिक रुप से पिछड़ा मान कर उन्हें रिजर्वेशन दिया जाएगा।

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने सरकार से पूछा है कि अगर यह सीमा सही है, तो फिर इनकम टैक्स कानून में  ऐसी व्यवस्था क्यों है? इनकम टैक्स वसूलने के लिए बेस इनकम 2.5 लाख रूपये सालाना की कमाई ही मानी गई है। जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस सत्य नारायण प्रसाद की बेंच ने केंद्र सरकार को यह नोटिस जारी किया है। इसमें केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के अलावा वित्त और कार्मिक (Personnel) मंत्रालय को भी जवाब देने को कहा गया है। अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।

हाई कोर्ट में यह याचिका डीएमके पार्टी की एसेट प्रोटेक्शन काउंसिल के कुन्नूर सीनीवासन ने दाखिल की है। उनका कहना है कि फायनांस एक्ट 2022 के फस्ट शेड्यूल में संशोधन किया जाए। यह प्रावधान कहता है कि जिसकी कमाई साल में 2.5 लाख से कम है, वह आय कर की सीमा से बाहर रखा जाएगा।

इनका कहना है कि एक बार सरकार ने सकल आय यानी ग्रॉस इनकम का स्लैब 8 लाख तय कर दिया है, तो फिर फायनांस एक्ट 2022 के संबंधित प्रावधानों को निरस्त घोषित कर दिया जाना चाहिए। इन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह साबित हो गया है कि 8 लाख से कम सालाना आय वाले गरीब हैं। ऐसे लोगों से इनकम टैक्स वसूलना ठीक नहीं हैं। ये ऐसे लोग हैं जो पहले से ही शिक्षा और अन्य क्षेत्र में पिछड़ रहे हैं। मद्रास हाई कोर्ट में ताजा केस का कुमार श्रीनिवासन बनाम केंद्र ( Kunnur Seenivasan v Union of India के नाम से दर्ज है। इसका केस नंबर  WP(MD) 26168 है।

Also Read: क़तर ही नहीं गुजरात में भी विश्वकप, राजनीति का

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d