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कोविड के खिलाफ पहले स्वदेशी एमआरएनए वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिली

| Updated: June 29, 2022 10:13 am

भारत में पहले एमआरएनए (mRNA) कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी मिल दे दी गई है। 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए जेनोवा बायोफार्मा की इस वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनलर ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने मंगलवार को मंजूरी दी। जहां अन्य एमआरएनए टीकों को शून्य से नीचे के तापमान पर संग्रहीत करने की आवश्यकता होती है, वहीं जेनोवा की एमआरएनए वैक्सीन 2-8 डिग्री पर संग्रहीत की जा सकती है।

गत शुक्रवार को हुई बैठक में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (एसईसी) ने इस वैक्सीन के इमरजेंसी में उपयोग (ईयूए) का प्रस्ताव दिया था। डीसीजीआई के तहत एसईसी ने शुक्रवार की बैठक में जेनोवा बायोफार्मा द्वारा पेश किए गए आंकड़ों की जांच की और इसे संतोषजनक करार दिया। वैसे कंपनी ने अप्रैल में ही डेटा जमा कर दिया था और मई में तीसरे चरण से संबंधित अतिरिक्त डेटा भी जमा करा दी थी।

जेनोवा के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने वैक्सीन सुरक्षा, इम्युनोजेनेसिटी और सहनशीलता का मूल्यांकन करने के लिए 4000 प्रतिभागियों पर चरण 2 और चरण 3 डेटा परीक्षण किए हैं। वैक्सीन- GEMCOVAC-19 – देश का पहला स्वदेशी mRNA कोविड- 19 वैक्सीन है और इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में गेम-चेंजर के रूप में देखा जाता है।

एमआरएनए टीके क्या हैं?

मैसेंजर आरएनए दरअसल ऐसा आरएनए है जो प्रोटीन उत्पादन के लिए आवश्यक है। कोशिकाओं में एमआरएनए प्रोटीन बनाने में जरूरी ब्लूप्रिंट बनाने के लिए जीन में सूचनाओं का उपयोग करता है। एक बार जब कोशिकाएं प्रोटीन बनाना समाप्त कर लेती हैं, तो वे जल्दी से mRNA को तोड़ देती हैं। टीकों से एमआरएनए नाभिक में प्रवेश नहीं करता है और डीएनए को नहीं बदलता है।

एमआरएनए कोविड-19 वैक्सीन कैसे काम करती है?

– सबसे पहले ऊपरी बांह की मांसपेशी में mRNA कोविड-19 के टीके दिए जाते हैं। टीकाकरण के बाद एमआरएनए मांसपेशी कोशिकाओं में प्रवेश करेगा। एक बार अंदर जाने के बाद वे स्पाइक प्रोटीन कहे जाने वाले हानिरहित टुकड़े का उत्पादन करने के लिए कोशिकाओं की मशीनरी का उपयोग करते हैं।

– स्पाइक प्रोटीन वायरस की सतह पर पाया जाता है, जो कोविड-19 का कारण बनता है। प्रोटीन का टुकड़ा बनने के बाद हमारी कोशिकाएं mRNA को तोड़ती हैं और उसे हटा देती हैं।

– इसके बाद हमारी कोशिकाएं स्पाइक प्रोटीन के टुकड़े को अपनी सतह पर प्रदर्शित करती हैं। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली यह मानती है कि प्रोटीन वहां नहीं है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए ट्रिगर करता है और अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए सक्रिय करता है, जो उसे लगता है कि एक संक्रमण है।

बता दें कि टीका लगवाने से होने वाले कोई भी दुष्प्रभाव इस बात के सामान्य संकेत हैं कि शरीर अपने अंदर सुरक्षा का इंतजाम कर रहा है।

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