गांदरबल, जम्मू-कश्मीर – 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद गांदरबल पुलिस ने शुक्रवार को एक संदिग्ध की पहचान की और उसे हिरासत में लिया। यह कार्रवाई उस वीडियो के वायरल होने के बाद की गई, जिसमें एक महिला पर्यटक ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने उसकी धार्मिक पहचान पूछते हुए अपनी तस्वीर दिखाई थी।
पुलिस ने संदिग्ध की पहचान अयाज अहमद जंगल के रूप में की है, जो गनी नबी जंगल का बेटा है और गांदरबल जिले के गोहीपोरा रैजन का निवासी है। पुलिस के अनुसार, वह सोनमर्ग के थाजवास ग्लेशियर में टट्टू सेवा प्रदान करता है। उसे फिलहाल हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की जा रही है और कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस संदिग्ध का पहलगाम आतंकी हमले से कोई संबंध है।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली पर्यटक एकता तिवारी ने दावा किया है कि उन्होंने उन संदिग्ध आतंकियों से बातचीत की थी, जिनके स्केच पहलगाम हमले के बाद जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि यह मुलाकात 20 अप्रैल को पहलगाम की यात्रा के दौरान खच्चर की सवारी करते समय हुई थी।
एकता तिवारी ने अपने फोन में एक व्यक्ति की तस्वीर दिखाई, जिसमें वह मैरून जैकेट और पायजामा पहने हुए था। उन्होंने दावा किया कि यह वही व्यक्ति है जिसे पुलिस ने स्केच में दिखाया था। उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति ने उनसे उनके धर्म के बारे में पूछा था। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने उसका नाम पूछा, तो उन्होंने इनकार किया।
तिवारी ने बताया कि यह तस्वीर बैसारण घाटी में ली गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ यात्रा कर रहे अन्य साथी भी स्केच में दिखाए गए लोगों को पहचानते हैं। उनके व्हाट्सएप ग्रुप की बातचीत के स्क्रीनशॉट में भी यह बात सामने आई कि अन्य लोग भी उन्हें पहचानते थे और डरे हुए थे।
उनके अनुसार, उन लोगों ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने कभी अजमेर दरगाह या अमरनाथ यात्रा की है। जब उन्होंने कहा कि वे अमरनाथ यात्रा में पंजीकरण कराने की सोच रही थीं, तो उन लोगों ने कहा कि वे बिना पंजीकरण के उन्हें सीधा भेज सकते हैं और उनका आदमी उन्हें रिसीव कर लेगा।
एकता के पति प्रशांत गौतम ने बताया, “हम वैष्णो देवी दर्शन के लिए निकले थे। कटरा में दर्शन के बाद हम एक पैकेज टूर के तहत पहलगाम गए। हमारी टीम में 20 लोग थे।”
एकता ने बताया कि उनमें से एक व्यक्ति ने उनसे पूछा कि उन्हें हिंदू धर्म पसंद है या इस्लाम। जब उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें दोनों धर्म पसंद हैं, तो उस व्यक्ति ने पूछा कि उनके कितने हिंदू और मुस्लिम दोस्त हैं और क्या उन्होंने कुरान पढ़ी है। जब उन्होंने कहा कि वे उर्दू नहीं जानतीं, तो उस व्यक्ति ने कहा कि कुरान हिंदी में भी उपलब्ध है।
इसके बाद, तिवारी ने दावा किया कि उस व्यक्ति के पास एक फोन कॉल आया, जिसमें उसने कहा – “प्लान A ब्रेक फेल, प्लान B – 35 गन भेजी गईं और घाटी में घास पर रखी गई हैं।” जब उसने देखा कि तिवारी उसकी बात सुन रही हैं, तो वह दूसरी भाषा में बात करने लगा।
एकता ने बताया कि बातचीत काफी देर तक चली। जब उनसे पूछा गया कि वह व्यक्ति स्थानीय लग रहा था या बाहरी, तो उन्होंने कहा कि उसकी भाषा से लग रहा था कि वह “कश्मीर में रहने वाला पाकिस्तानी” था। उसने खुद को कुरान पढ़ाने वाला शिक्षक बताया और कहा कि वह सात वर्षों से वहां काम कर रहा है।
जब पूछा गया कि उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना क्यों नहीं दी, तो तिवारी ने कहा कि आसपास कोई पुलिस चौकी नहीं दिखी। पहलगाम से 7-8 किलोमीटर पहले एक चेकपोस्ट था, लेकिन वापसी में वह भी खाली पड़ा था।
तिवारी ने कहा कि स्केच में दिखाए गए दो संदिग्ध लोग उस इलाके से नीचे उतरते हुए अचानक गायब हो गए। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपने दावे को लेकर आश्वस्त हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं 200% श्योर हूं। उन्होंने मेरे धर्म के बारे में पूछा और 35 गन की बात की। ये संयोग नहीं हो सकता।”
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या इन व्यक्तियों का पहलगाम हमले से कोई संबंध है।
यह भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले में चूक की सरकार ने मानी बात, सर्वदलीय बैठक में विपक्ष को दी जानकारी