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भारत को एक कमजोर पीएम चाहिए ताकि वह कमजोरों की मदद कर सके: ओवैसी

| Updated: September 11, 2022 3:43 pm

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM- एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने शनिवार को यहां कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) के बाद भारत में एक कमजोर प्रधानमंत्री और एक “खिचड़ी” या बहुदलीय सरकार की जरूरत है ताकि समाज के कमजोर वर्गों को लाभ हो। उक्त बातें ओवैसी ने अहमदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही।

ओवैसी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, नरेंद्र मोदी जवाहरलाल नेहरू के बाद “सबसे शक्तिशाली प्रधान मंत्री” हैं, लेकिन वह बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और चीनी घुसपैठ के सवालों से बचते आए।”

“हमें अब एक कमजोर प्रधानमंत्री पाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए..ताकि वह कमजोरों की मदद कर सके। शक्तिशाली (पीएम) केवल शक्तिशाली की मदद कर रहा है, वह कमजोरों को नहीं देख रहा है,” ओवैसी ने कहा।

उन्होंने यह भी कहा कि वह एक “खिचड़ी सरकार” की चाहते हैं। एआईएमआईएम प्रमुख ने आम आदमी पार्टी (आप) पर भी हमला करते हुए दावा किया कि वह गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलग नहीं है क्योंकि उसने बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई पर चुप्पी साध रखी है।

उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly polls) में उम्मीदवार उतारेगी।

रेवड़ी (फ्री की चीजें) राजनीति बहस पर, उन्होंने कहा, “जिसे आप रेवड़ी कहते हैं, वह सभी लोगों द्वारा दिया जा रहा है। पीएम ने उद्योगपतियों का कॉरपोरेट टैक्स और कर्ज माफ किया। आप भाजपा से अलग नहीं है। दोनों एक ही बात कहते रहते हैं। आम आदमी पार्टी बिलकिस बानो पर एक शब्द भी नहीं कहती।“ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुछ लोगों द्वारा 2024 के लिए विपक्ष के पीएम उम्मीदवार के रूप में पेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर, ओवैसी ने कहा कि अगर विपक्ष ने चेहरे पेश करके मोदी के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश की तो भाजपा को फायदा होगा।

उन्होंने कहा, “इसके बजाय, हम सभी को सभी लोकसभा सीटों पर एक साथ भाजपा के साथ प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि, उनकी पार्टी ने 2012 में यूपीए सरकार छोड़ दी थी, लेकिन “आपको यह स्वीकार करना होगा कि उस समय जीडीपी विकास दर 8-9 फीसदी थी, जो अब घटकर 3-4 फीसदी हो गई है। यदि आप भाजपा से पूछें तो वे कहेंगे कि यह कोविड, यूक्रेन युद्ध के कारण था, लेकिन जीडीपी उससे पहले भी नीचे थी,” ओवैसी ने कहा।

नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख (AIMIM chief) ने कहा कि 2002 के गुजरात दंगे (Gujarat riots) के समय बिहार के मुख्यमंत्री भाजपा के सहयोगी थे, उन्होंने भगवा पार्टी के साथ सरकारें बनाईं और अब उन्होंने किसी और से हाथ मिला लिया है।

उन्होंने कहा कि अधिकांश राजनीतिक दल महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों को दरकिनार करते हुए हिंदुत्व की विचारधारा के बड़े पोषक बनने की होड़ में हैं।

अहमदाबाद में बोहरा समुदाय के नेताओं से मुलाकात करते हुए ओवैसी ने कहा कि वह 18 सितंबर को गुजरात में महाराष्ट्र के अपने नेताओं के साथ एक और जनसभा करेंगे।

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