जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक कई कड़े कूटनीतिक और रणनीतिक कदमों की घोषणा की। “सीमापार आतंकवाद” के खिलाफ निर्णायक रुख के तौर पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कई बड़े फैसलों की जानकारी दी, जिनमें दशकों पुराने सिंधु जल संधि को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित करना और अटारी-वाघा सीमा स्थित एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल बंद करना शामिल है।
इसके अलावा, भारत ने सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों के भारत आने पर प्रतिबंध लगा दिया है और जो पहले से भारत में मौजूद हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
विदेश मंत्रालय द्वारा घोषित 5 प्रमुख निर्णय:
1. सिंधु जल संधि का निलंबन:
भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया है। इस संधि के तहत हर साल करीब 39 अरब घन मीटर पानी भारत से पाकिस्तान की ओर बहता है। 1960 में हुई यह संधि तीन युद्धों के बावजूद बनी रही थी और दोनों देशों के बीच सहयोग का प्रतीक मानी जाती थी।
2. अटारी-वाघा सीमा बंद:
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और लोगों के आपसी संपर्क का अहम जरिया रही अटारी-वाघा सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। वैध दस्तावेज़ों के साथ भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई 2025 से पहले वापस लौटने का निर्देश दिया गया है।
3. सार्क वीज़ा छूट योजना पर रोक:
सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने से रोक दिया गया है। पूर्व में जारी सभी वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं। जो पाकिस्तानी नागरिक वर्तमान में भारत में मौजूद हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा।
4. पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों की निष्कासन:
भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को व्यक्ति अ-ग्राह्य (persona non grata) घोषित कर दिया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। इसी प्रकार, इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से भारतीय सैन्य अधिकारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।
5. पाकिस्तानी उच्चायोग की स्टाफ संख्या में कटौती:
भारत ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि वह नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग की स्टाफ संख्या को घटाकर केवल 30 कर दे, जो वर्तमान में 55 है। यह पाकिस्तान के राजनयिक प्रभाव में बड़ी कटौती मानी जा रही है।
ये बड़े कूटनीतिक निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई 2.5 घंटे लंबी कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक के बाद घोषित किए गए। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
भारत सरकार की यह कड़ी कार्रवाई यह संकेत देती है कि देश अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में अब सख्ती का दौर शुरू हो चुका है।