भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को सिंगापुर से अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (pslv) से तीन उपग्रहों को प्रक्षेपित किया। PSLV-C53 मिशन को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। इसरो के ट्विटर हैंडल पर शाम में कहा गया कि PSLV-C 53 या डीएस-ईओ मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। बता दें कि 2022 में इसरो का यह दूसरा मिशन है।
इसरो ने पहले कहा था कि यह उसकी वाणिज्यिक शाखा-न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन होगा। साथ ही भारत के अंतरिक्ष मिशन में पीएसएलवी को शामिल करने वाला 55वां मिशन होगा। समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा कि तीन उपग्रह इस तरह हैं- डीएस-ईओ और न्यूसार (दोनों सिंगापुर से संबंधित हैं और कोरिया गणराज्य के स्टारेक इनिशिएटिव द्वारा निर्मित) और सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के 2.8 किलोग्राम स्कूब -1 हैं। इसका वजन 2.8 किलो है। जो उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए हैं, उनकी मदद से 24 घंटे तस्वीरें हासिल की जा सकेंगी। हर मौसम में दिन-रात तस्वीरें मिलने से रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।
इसरो के मुताबिक, ऐसा पहली बार होगा जब पीएस 4 स्टेज एक स्थिरीकृत प्लैटफॉर्म के रूप में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इसरो ने कहा कि पीओईएम खर्च किए गए पीएस4 चरण का उपयोग एक कक्षीय मंच के रूप में करता है। यह पहली बार है जब यह एक स्थिर मंच के रूप में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। बता दें कि इसरो ने इससे पहले फरवरी में पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-04 और दो छोटे उपग्रहों के साथ PSLV-C52 लॉन्च किया था। 2022 में इसरो का वह पहला मिशन था।