अहमदाबाद: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के सीमावर्ती जिले कच्छ का दौरा किया। भुज में उन्होंने 2,326 करोड़ रुपए की 18 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया और 51,088 करोड़ रुपए की 15 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री ने राज्य को 53,400 करोड़ रुपए से अधिक की विकास योजनाओं की सौगात दी।
भुज के टाइम स्क्वायर के सामने मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारतीय तिरंगा किसी भी हालत में झुकना नहीं चाहिए।” कच्छी में लोगों का अभिवादन करते हुए उन्होंने कहा, “की आयो कच्छी?” और लोगों का हालचाल जाना। पीएम ने कच्छ के लोगों को राष्ट्र की सीमाओं के बहादुर रक्षक बताते हुए श्यामजी कृष्ण वर्मा को श्रद्धांजलि दी और मां आशापुरा का आभार व्यक्त किया, जिनकी कृपा से क्षेत्र की आकांक्षाएं पूरी हो रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कच्छ से अपने गहरे जुड़ाव को याद करते हुए कहा कि यहां के लोगों का अटूट प्यार और स्नेह उन्हें बार-बार खींच लाता है। उन्होंने नर्मदा का जल आने से कच्छ में आए बदलावों पर खुशी जताई और कहा कि सदियों से जल संकट झेलने वाली यह धरती आज दिवाली जैसे उल्लास का अनुभव कर रही है। उन्होंने इस बदलाव को अपने जीवन का गौरवपूर्ण अध्याय बताते हुए कहा कि कभी बंजर मानी जाने वाली इस भूमि को नया आकार देने में भूमिका निभाना उनके लिए गर्व की बात है।
पीएम मोदी ने कहा कि कच्छ के किसानों ने जल संकट के बावजूद विकास की कहानी लिखी और साबित किया कि उम्मीद और मेहनत से असंभव भी संभव किया जा सकता है। उन्होंने याद किया कि विनाशकारी भूकंप के बाद दुनियाभर के लोग मान बैठे थे कि कच्छ फिर खड़ा नहीं हो पाएगा, लेकिन कच्छ के लोगों की अदम्य भावना ने जिले को मलबे से उठाकर एक मजबूत और विकसित केंद्र बना दिया।
आज कच्छ न केवल व्यापार और पर्यटन का हब बन गया है, बल्कि आने वाले वर्षों में यह भारत की विकास यात्रा में और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पीएम ने कहा कि कच्छ और पूरे भारत में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं वैश्विक हरित अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कच्छ को जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी हब बनने की बात कही। पीएम ने कहा कि जल्द ही हरित हाइड्रोजन से वाहन, स्ट्रीटलाइट्स और अन्य उपकरण चलेंगे, जिससे भारत की ऊर्जा संरचना में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
कांडला को देश के तीन ग्रीन हाइड्रोजन हब में से एक बताते हुए पीएम ने कहा कि यहां ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक से संचालित ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की आधारशिला रखी गई है, जो राष्ट्रीय गर्व का विषय है। इसके साथ ही कच्छ में दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से एक पर काम चल रहा है। खावड़ा क्लस्टर की स्थापना ने कच्छ को वैश्विक ऊर्जा मानचित्र पर स्थापित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “कभी धूलभरी आंधियों के लिए मशहूर यह रेगिस्तान अब देश के भविष्य को ऊर्जा देगा।”
पीएम मोदी ने बताया कि ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ के तहत गुजरात के लाखों लोग शामिल हुए हैं ताकि बिजली की पर्याप्त आपूर्ति और शून्य बिजली बिल सुनिश्चित किए जा सकें।
तटीय क्षेत्रों की आर्थिक क्षमता पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि प्राचीन बंदरगाह शहर लोथल जैसे उदाहरण भारत की समृद्ध समुद्री विरासत के प्रतीक हैं। इसी प्रेरणा से सरकार ने बंदरगाहों और बंदरगाह नगरों के विकास में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इसके परिणामस्वरूप, देश ने पहली बार प्रमुख बंदरगाहों पर 15 करोड़ टन कार्गो का रिकॉर्ड संचालन किया है, जिसमें कांडला का दीनदयाल पोर्ट भी शामिल है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के समुद्री व्यापार का एक-तिहाई हिस्सा कच्छ के बंदरगाहों से होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों की क्षमता और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कई नई शिपिंग परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
पीएम मोदी ने ऐलान किया कि अब भारत में ही बड़े जहाजों का निर्माण किया जाएगा ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों जरूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होंने याद दिलाया कि कभी मांडवी दुनिया में जहाज निर्माण के लिए मशहूर था, जहां कुशल कारीगर बड़े-बड़े पोत बनाते थे। उन्होंने इस क्षेत्र को फिर से जीवित करने के लिए विशेष बजटीय प्रावधान का जिक्र किया और कहा कि यह क्षेत्र रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
कच्छ की समृद्ध कला और विकास का उल्लेख करते हुए पीएम ने बताया कि अब कच्छ की कला को जीआई टैग मिला है और उसकी रचनाएं वैश्विक मंच पर पहचान बना रही हैं। जल संकट पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि केवडिया से कच्छ तक नहर बनने से इलाके की किस्मत बदल गई है। आज कच्छ के आम, खजूर, अनाज, जीरा और अन्य फसलें देश-विदेश की मंडियों में पहुंच रही हैं।
पीएम मोदी ने पर्यटन को बड़े पैमाने पर रोजगार का जरिया बताते हुए कच्छ के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक आकर्षणों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि रण उत्सव लगातार लोकप्रिय हो रहा है, स्मृतिवन को यूनेस्को ने कच्छ का सबसे सुंदर संग्रहालय माना है और धोरडो को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया गया है। पीएम ने मांडवी के समुद्रतट को पर्यटन आकर्षण का नया केंद्र बताते हुए कहा कि रण उत्सव के साथ-साथ समुद्र तट खेल आयोजनों से कच्छ का पर्यटन और ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि आज से 11 साल पहले, 26 मई को, उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उस समय भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था और आज, 11 साल बाद, भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
आतंकवाद पर सख्त रुख दिखाते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है। ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई मानवता की रक्षा और आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए थी। उन्होंने चेतावनी दी कि भारतीय नागरिकों पर कोई भी हमला करार और सटीक जवाब देगा।
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प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने दुगनी ताकत से जवाब देते हुए पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों पर सटीक हमले किए, जिससे वैश्विक समुदाय चकित रह गया। उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी और सटीकता की सराहना की।
1971 के युद्ध को याद करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि उस समय कच्छ की सीमा पर वायुसेना का रनवे बमबारी में क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसे माधापुर की महिलाओं ने सिर्फ 72 घंटों में फिर से तैयार कर दिया। आज उन्हीं महिलाओं ने उन्हें सिंदूर का पौधा भेंट किया, जिससे कच्छ में सिंदूर वन तैयार किया जाएगा। पीएम ने स्पष्ट किया कि भारत की लड़ाई सीमा पार आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ है।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के नागरिकों से अपील की कि वे अपनी सरकार और सेना द्वारा आतंकवाद को दी जा रही मदद की सच्चाई को समझें, ताकि उनके देश और बच्चों का भविष्य उज्जवल बन सके। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकवाद को कमाई का जरिया बना चुकी हैं, और पाकिस्तानी नागरिकों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
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