जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसारन घास के मैदान में मंगलवार दोपहर करीब 2:30 बजे हुए एक दुर्लभ आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई। ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहे जाने वाले इस क्षेत्र में सैकड़ों पर्यटक मौजूद थे जब अचानक गोलियों की बौछार शुरू हो गई।
इंडिया टुडे द्वारा प्राप्त एक तस्वीर में हमलावर को AK-47 लिए हुए देखा गया है। ग्रे रंग के कुर्ता-पायजामे में नजर आ रहा यह आतंकी पीठ की ओर से कैमरे में कैद हुआ है। यह तस्वीर अब जांच का हिस्सा है।
इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी गुट माना जाता है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और हमलावरों को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि कैसे अचानक गोलियों की आवाज सुनाई दी और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। एक गवाह ने कहा, “छिपने के लिए कोई जगह नहीं थी।” मैदान में जगह-जगह शव पड़े थे, महिलाएं चीख रही थीं और स्थानीय लोग घायलों की मदद करने के लिए दौड़ पड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो हमले के वक्त सऊदी अरब दौरे पर थे, ने अपना दौरा बीच में ही छोड़ दिया और बुधवार सुबह दिल्ली लौट आए। उन्होंने इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के तुरंत बाद एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई और अब वह खुद पहलगाम जाकर हालात का जायजा लेंगे।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को “मानवता के खिलाफ घिनौना कृत्य” बताया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे कृत्यों का सामूहिक रूप से विरोध किया जाना चाहिए।
देशभर के कई शीर्ष नेताओं ने इस हमले की कठोर निंदा की है और पीड़ितों व उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। सुरक्षाबलों ने हमलावरों की तलाश तेज कर दी है और आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर में नागरिकों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
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