प्रयागराज: व्यक्ति की मौत के बाद 'मौसमी प्लेटलेट्स' बेचने के आरोप में 10 गिरफ्तार

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प्रयागराज: व्यक्ति की मौत के बाद ‘मौसमी प्लेटलेट्स’ बेचने के आरोप में 10 गिरफ्तार

| Updated: October 22, 2022 14:11

यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) के एक अस्पताल में एक 36 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद शुक्रवार को मौसम्बी के रस (mosambi juice) के साथ कथित तौर पर प्लेटलेट्स (plasma) चढ़ाए जाने के बाद पुलिस ने 10 सदस्यीय गिरोह को रक्त उत्पादों की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिन्हें 3,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये प्रति पाउच बेंचा जा रहा था।

स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (special operations group) और कोतवाली पुलिस स्टेशन (Kotwali police station) की एक संयुक्त टीम ने सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 18 पाउच कथित तौर पर असत्यापित प्लाज्मा (unverified plasma), तीन प्लेटलेट्स (platelets), लगभग 1 लाख रुपये नकद, 13 मोबाइल फोन और तीन दोपहिया वाहन जब्त किए।

गिरोह एसआरएन अस्पताल (SRN Hospital) रोड के गोबर गली (Gobar Gali) से सक्रिय था। अधिकारियों ने कहा कि जब्त रक्त उत्पादों(eized blood products) को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेज दिया गया है।

यह कार्रवाई जिला प्रशासन (district administration) द्वारा आदेशित एक जांच का हिस्सा थी। उपचार के बाद मरने वाले डेंगू रोगी के परिवार ने दावा किया था कि उसे दिए गए प्लेटलेट्स “पतले” लग रहे थे और निरीक्षण करने पर पता चला कि वह मौसम्बी के रस से बने थे।

परिवार ने कहा कि धूमनगंज (Dhoomanganj) के एक निजी अस्पताल में तीन यूनिट प्लेटलेट्स (platelets) मिलने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई, जिसकी कीमत 9,000 रुपये थी। जॉर्ज टाउन अस्पताल (Georgetown hospital) में ले जाने के बाद 17 अक्टूबर को मरीज की मौत हो गई। डिप्टी सीएम और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (state health minister Brajesh Pathak) ने कहा कि रैकेट में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों की पहचान प्रदीप कुमार, योगेश्वर सिंह, प्रवीण पटेल, विकास पटेल, अभिषेक पटेल, सरफराज, दिलीप शुक्ला, सुशील पांडे, दिलीप पटेल और राघवेंद्र पटेल के रूप में हुई है। एक अधिकारी ने कहा, “वे लंबे समय से इसमें शामिल थे।”

जांच दल ने शुक्रवार को पीड़ित के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज करने के अलावा दोनों निजी अस्पतालों के अधिकारियों को तलब किया जहां पीड़ित का इलाज किया गया था। धूमनगंज अस्पताल (Dhoomanganj hospital) को बीती रात सील कर दिया गया था।

अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके तिवारी ने बताया, “हम मौत के कारणों की पहचान करने के लिए रिकॉर्ड और रिपोर्ट एकत्र कर रहे हैं। जांच में सटीक पदार्थ का खुलासा किया जाएगा जिसे इंजेक्ट किया गया था।”

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