साबरमती भारत की दूसरी सबसे प्रदूषित नदी

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साबरमती भारत की दूसरी सबसे प्रदूषित नदी

| Updated: February 3, 2023 16:12

अहमदाबाद: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)  की नवंबर 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में कूम नदी के बाद साबरमती भारत की दूसरी सबसे प्रदूषित नदी है।

सीपीसीबी के आंकड़ों ने जैविक प्रदूषण के संकेतक बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) के संदर्भ में निगरानी के आधार पर 279 नदियों पर 311 प्रदूषित हिस्सों की पहचान की। रिपोर्ट के मुताबिक, गांधीनगर के रायसन और ढोलका के वौथा के बीच साबरमती के बीच में बीओडी 292 मिलीग्राम प्रति लीटर था।

नदी प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अगस्त 2021 में गुजरात हाई कोर्ट के खुद दखल देने के बावजूद  अदालत द्वारा नियुक्त नौ सदस्यीय संयुक्त टास्क फोर्स बना देने के बाद भी साबरमती की पारिस्थितिक स्थिति (ecological status) बद से बदतर हो गई है पिछले पांच वर्षों में। जीवन रेखा होने की बात तो दूर, यह अब भारत की दूसरी सबसे प्रदूषित नदी है। इसका खुलासा संसदीय कार्यवाही के दौरान हुआ।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के 2018 के आदेश में कहा गया था कि जैविक प्रदूषकों (organic pollutants ) के मुख्य संकेतकों में से एक बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर खेरोज और वौथा के बीच साबरमती का 4 मिलीग्राम/लीटर से 147 मिलीग्राम/लीटर के बीच था।

हालांकि, नवंबर 2022 की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट में कहा गया है कि गांधीनगर में रायसन और ढोलका में वौथा के बीच साबरमती में बीओडी का स्तर 292 मिलीग्राम/लीटर था। सीपीसीबी ने अब साबरमती को श्रेणी-I के तहत वर्गीकृत किया है जो इसे ‘गंभीर रूप से प्रदूषित’ बनाता है।

केंद्रीय जल मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि तमिलनाडु में कूम नदी के बाद साबरमती भारत की दूसरी सबसे प्रदूषित नदी है। सीपीसीबी के मानदंडों के अनुसार, एक नदी नहाने के लिए तब उपयुक्त है यदि उसका BOD स्तर 6 mg/l से कम है। अगर BOD स्तर 2 mg/l से कम है तो उसे पीने के लिए सुरक्षित माना जाता है।

इन बीओडी स्तरों के आधार पर सीपीसीबी ने देश में 279 नदियों पर 311 हिस्सों की पहचान की है, जो मुख्य रूप से जल निकायों (water bodies) में गंदगी बहाने के कारण प्रदूषित हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में चेन्नई के पास अवाडी और सत्यनगर के बीच कूम नदी के खंड के लिए 345 mg/l का BOD मापा गया था, जिससे यह देश में सबसे खराब प्रदूषित नदी खंड बन गया।

सूत्रों ने कहा कि नदियों में अशोधित (untreated) सीवेज का खुलेआम बहाव प्रदूषण का प्रमुख कारण है। साबरमती के निर्दिष्ट खंड के साथ रासायनिक निर्माण इकाइयों के अलावा कई कपड़ा निर्माण और प्रसंस्करण इकाइयां हैं। गंदगी को देखते हुए ही दिसंबर 2021 में अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने रायपुर में अंकुर टेक्सटाइल्स, नरोदा में अरविंद लिमिटेड और खोखरा में आशिमा लिमिटेड समेत 250 औद्योगिक इकाइयों के जल निकासी कनेक्शन काट दिए थे।

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