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सूरत: हजीरा-गोठाण प्रस्तावित रेलवे ट्रैक के खिलाफ किसान हुए लामबंद,हर लड़ाई को तैयार

| Updated: March 22, 2022 3:41 pm

किसानो को भय है कि अगर भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 10-ए के तहत सरकार जबरदस्ती अधिग्रहित करती है तो किसान के हाथ से जमीन चली जाएगी ,मुआवजे की राशि से अलग बगल के गांव में जमीन खरीदना संभव नहीं है।

सूरत के हजीरा-गोठाण के नए रेलवे ट्रैक का किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है।जिसके लिए जहांगीरपुरा स्थित गुजरात किसान समिति के कार्यालय में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक आयोजित की गई थी। जिसे किसान नेता दर्शन नायक ने सम्बोधित किया ,बैठक में तय किया गया कि आपत्ति आवेदन जमा कराये जायेगे उसके बाद किसान अब दोबारा जिला कलेक्टर से मिलेंगे। इसके अलावा 27 को सूरत आने वाले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से भी किसान प्रतिनिधिमंडल मिलने की कोशिश करेगा , वह मुख्यमंत्री से भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 10-ए की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करेंगे.अगर अधिसूचना रद्द नहीं हुयी तो अंत तक लड़ाई लड़ने के लिए किसान तैयार हैं। इस रेलवे लाइन से 14 गांवों के प्रभावित हो रहे है जिनकी संख्या लगभग 2000 परिवार है।

रेलवे ट्रैक से निम्नलिखित गांव हो रहे हैं प्रभावित

सूरत के वरियाव, सरोली, जहांगीरपुरा, विहेल, वणकला , ओखा, भेंसाण , मलगामा, आसरमा , इच्छापुर, दामका भटलाई, मोरा और शिवमपुरा प्रभावित हो रहे है , यंहा खेती के अलावा निवासी बस्ती भी है , ज्यादातर गांव के जमीन का बाजार भाव सरकारी भाव से अधिक है , किसानो को भय है कि अगर भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 10-ए के तहत सरकार जबरदस्ती अधिग्रहित करती है तो किसान के हाथ से जमीन चली जाएगी ,मुआवजे की राशि से अलग बगल के गांव में जमीन खरीदना संभव नहीं है।

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