रेडेक्स इंटरप्राइज Redex Enterprise तथा सहयोगी कंपनी रेडेक्स इंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड Redex Enterprise Private Limited में 1228 करोड़ की फर्जी बिलिंग में राज्य वस्तु और सेवा कर State Goods and Services Tax ( एसजीएसटी) विभाग ने 211 करोड़ की इनपुट टैक्स क्रेडिट Input tax credit हांसिल कर एक राज्य व्यापी घोटाले को उजागर किया है।
विदित को कि रेडेक्स एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड Redex Enterprise Private Limited 10 जनवरी 2019 को निगमित 3 साल 8 महीने पुरानी निजी कंपनी है। इसका पंजीकृत कार्यालय अहमदाबाद, गुजरात, भारत में है(The Registered office is in Ahmedabad, Gujarat, India )कंपनी ने 31 मार्च 2021 (वित्त वर्ष 2020-2021) तक अपने वार्षिक रिटर्न और वित्तीय विवरण दाखिल किए हैं। यह एमसीए MCA के अनुसार 1.00 लाख रुपये की अधिकृत पूंजी और 1.00 लाख रुपये की चुकता पूंजी वाले शेयरों द्वारा सीमित कंपनी है।
2 निदेशक कंपनी से जुड़े हुए हैं। जिसमे अरविंद कुमार प्रेम शंकर तिवारी Arvind Kumar Prem Shankar Tiwari और खुर्शीद खान का निदेशक के तौर पर समावेश है।
अरविंद कुमार प्रेम शंकर तिवारी, Arvind Kumar Prem Shankar Tiwari वर्तमान में 2 कंपनियों से जुड़े हुए हैं। जो रेडेक्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, रेडेक्स एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड हैं। इसी तरह खुर्शीद खान Khurshid Khan भी रेडेक्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, रेडेक्स एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं.रेडेक्स एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड एक लिस्टेड कंपनी है।
राज्य वस्तु और सेवा कर State Goods and Services Tax सूत्रों के मुताबिक इस घोटाले के आरोपी ताहिर मेहमूद रजाईवाला को गिरफ्तार को गिरफ्तार कर अतिरिक्त जिला सत्र न्यायधीश बी एच कपाड़िया Additional District Sessions Judge BH Kapadia की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने अपने फैसले में जमानत अर्जी ख़ारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार के देश की अर्थ व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है।
आरोपी की अपराध में अहम भूमिका है। देश में इस तरह के अपराध को हलके में नहीं लिया जा सकता। SGST ने 96 फर्म आरोपी के यंहा से बरामद किया है। जिसमे 40 फर्म आरोपी के नाम है।
राज्य वस्तु और सेवा कर के विशेष सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि रेडेक्स इंटरप्राइज देश के 14 राज्यों में कार्यरत कंपनी है आरोपी ताहिर ने 14000 मेनपावर सप्लाय किया किया। 96 फर्मो के माध्यम से 1228 करोड़ के फर्जी बिल तैयार कर 211 की इनपुट टैक्स क्रेडिट हांसिल की गयी है। लेकिन असल में मेनपॉवर सप्लाय ही नहीं किये गए थे केवल बिल तैयार किया गया था। 19 करोड़ की राशि एसजीएसटी विभाग ने वसूल की है।
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