अहमदाबाद: अहमदाबाद नगर निगम (AMC) द्वारा संचालित वी.एस. अस्पताल में 2021 से मरीजों पर बिना अनुमति के दवा परीक्षण किए जाने का बड़ा खुलासा हुआ है। पांच सदस्यीय जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले में आठ डॉक्टरों और एक एसोसिएट प्रोफेसर ने 50 से अधिक फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ मिलकर अनधिकृत क्लीनिकल ट्रायल किए।
रिपोर्ट के अनुसार, ये परीक्षण ऑटोइम्यून बीमारियों, रेबीज, त्वचा रोगों और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित मरीजों पर किए गए। समिति के एक सदस्य ने बताया कि इन कंपनियों द्वारा दी गई राशि सीधे डॉक्टरों के निजी बैंक खातों में जमा की गई।
AMC ने इस मामले में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देवांग राणा और आठ अनुबंधित डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
“तत्कालीन अधीक्षक के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के नियमानुसार कोई भी एथिक्स कमेटी गठित नहीं की गई थी,” यह जानकारी शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उप नगर आयुक्त भरत परमार ने दी।
इस घोटाले का पर्दाफाश कांग्रेस की पार्षद रजश्री केसरी द्वारा फरवरी माह में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद हुआ।
जांच समिति की सदस्य डॉ. सुप्रिया मल्होत्रा ने पुष्टि की कि पिछले चार वर्षों से क्लीनिकल रिसर्च की गतिविधियाँ चल रही थीं और अनुमानतः 57 से 58 फार्मा कंपनियों ने इन परीक्षणों में भाग लिया।
गौरतलब है कि जनवरी 2019 में वी.एस. अस्पताल परिसर में 1,600 बिस्तरों वाला 800 करोड़ रुपए की लागत से बना एसवीपी अस्पताल AMC द्वारा शुरू किया गया था, जिसे शहर के लिए एक आधुनिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया गया था।
फिलहाल जांच जारी है और आगे की कानूनी व नियामकीय कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
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