गुजरात सरकार ने गांधी आश्रम स्मारक और परिक्षेत्र विकास परियोजना की संचालन और कार्यकारी परिषद में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के कैलाशनाथन की जगह अब सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आई.पी. गौतम को नियुक्त किया है।
गुजरात कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी रहे आई.पी. गौतम को शहरी विकास और नियोजन का गहरा अनुभव है। वे एक सख्त प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले वर्तमान प्रशासनिक तंत्र का विश्वास भी उनके प्रति है।
फिलहाल गौतम साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SRFDCL) के अध्यक्ष हैं, जहां वे 2027 तक इस पद पर बने रहेंगे। इससे पहले, वे दिल्ली में लोकपाल के सदस्य के रूप में चार वर्षों से अधिक समय तक कार्य कर चुके हैं।
गौतम ने 2006 से 2011 तक अहमदाबाद नगर आयुक्त के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव भी रहे। 2013 से 2019 तक वे गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं।
उन्हें वित्तीय प्रबंधन, लोक नीति, प्रशासन, ऊर्जा क्षेत्र प्रबंधन और शहरी शासन जैसे क्षेत्रों में 40 वर्षों से अधिक का अनुभव है। बड़े बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के प्रबंधन, तकनीकी-कानूनी विशेषज्ञता और परियोजना निष्पादन में उनकी विशेष दक्षता मानी जाती है।
गांधी आश्रम पुनर्विकास परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “गौतम ने शहरी मामलों पर बहुत काम किया है। वे पहले अहमदाबाद के नगर आयुक्त रह चुके हैं और अब SRFDCL के अध्यक्ष हैं, इसलिए उन्हें शहर की समस्याओं की गहरी समझ है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह परियोजना शहर में स्थित जरूर है, लेकिन इसकी अपनी चुनौतियाँ हैं। गौतम एक सख्त प्रशासक हैं और उन्हें काम समय पर पूरा करवाने के लिए जाना जाता है। इस परियोजना की अधिकांश योजना पहले ही तैयार हो चुकी है, अब ज़रूरत है इसके समयबद्ध निष्पादन की, जिसमें गौतम पूरी तरह सक्षम हैं।”
गुजरात की नौकरशाही के एक जानकार ने बताया, “कैलाशनाथन वर्तमान सरकार के प्रति निष्ठावान थे, और गौतम भी ऐसे ही अधिकारी हैं। चूंकि कैलाशनाथन इस समय पुडुचेरी के उपराज्यपाल हैं, इसलिए संभव है कि उन्होंने अहमदाबाद की इस परियोजना की जिम्मेदारी से मुक्त होने की इच्छा जताई हो। ऐसे में सरकार ने उनकी जगह एक और भरोसेमंद अधिकारी गौतम को नियुक्त किया है।”
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