सूरत के चर्चास्पद ग्रीष्मा हत्याकांड में आरोपी के वकील ज़मीर शेख के उपस्थित ना रहने के कारण फैसला अब 21 अप्रैल को सुनाया जायेगा। दोनों पक्षों की दलील पूर्ण होने के बाद अब फैसला 16 अप्रैल को सुनाया जाना था . आरोप के मुताबिक फेनिल ने सार्वजनिक रूप से ग्रीष्मा का गला काटकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी और स्पेशल ट्रायल शुरू किया गया। महज सात दिन में आरोप पत्र पुलिस द्वारा अदालत में पेश किया गया।
आरोप के मुताबिक 12 फरवरी को सूरत के कामरेज इलाके में ग्रीष्मा के घर के बाहर फेनिल ने हत्या कर दी थी. फेनिल ने चाकू दिखाया और लोगों से कहा कि वे पास न आएं। फेनिल ने बदला लेने के लिए ग्रीष्मा का गला काट दिया और सार्वजनिक रूप से उसकी हत्या कर दी।
आरोपी फेनिल कई दिनों से लड़की का पीछा कर रहा था।मुकदमे में सबूत के तौर पर एक वीडियो कोर्ट में पेश किया गया था।
ग्रीष्मा के साथ जो कुछ भी हुआ उसका सरकारी वकील ने अदालत में वर्णन किया था। FS L ने अदालत को बताया कि वीडियो असली था। ग्रीष्मा हत्याकांड में एफएसएल के दो अधिकारियों की गवाही ली गई थी। अधिकारियों ने गवाही दी कि ग्रीष्मा की मौत का ऑडियो फेनिल और उसके दोस्त आकाश की आवाज है । साथ ही हत्या का वीडियो भी असली है। इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी।
190 में से 105 गवाहों ने दी गवाही
ग्रीष्मा के मामले में, अदालत में 190 गवाह थे, जिनमें से 105 गवाहों ने गवाही दी। साथ ही 85 गवाहों को छोड़ दिया गया। इसके बाद सरकारी पक्ष की ओर से दिया गया। कोर्ट में फेनिल का बयान भी लिया गया।
बचाव पक्ष के वकील ज़मीर शेख ने तीन दिन की थी बहस
बचाव पक्ष के वकील ज़मीर शेख और अजय गोंडालिया ने हत्या के आरोपी फेनिल की ओर से अंतिम प्रतिवाद किया। लगातार तीन दिनों तक बहस की। अपने अंतिम तर्क में, ज़मीर शेख ने कहा कि पुलिस ने आरोपी फेनिल गोयानी को झूठे मामले में फंसाने और उसे उचित प्रस्तुति देने की अनुमति नहीं देने के लिए सिर्फ 7 दिनों में आरोप पत्र दायर किया था। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि मीडिया में जांच अधिकारी द्वारा दिए गए बयानों के बाद समाज में आरोपी विरोधी भावनाएं पैदा हुई हैं। ताकि गवाह भी आरोपी के पक्ष में गवाही देने को तैयार न हों। आरोपी के वकील ने जाँच के दौरान कई भूलों का भी हवाला दिया।
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