अहमदाबाद: अमेरिका में उच्च शिक्षा का सपना देख रहे हज़ारों भारतीय छात्रों के लिए रास्ता एक बार फिर मुश्किल हो गया है। 2025 सेशन में दाख़िला लेने की तैयारी कर रहे छात्रों के सामने वीज़ा इंटरव्यू स्लॉट्स की अचानक कमी एक बड़ी चुनौती बन गई है।
जहां जनवरी 2025 सेशन के लिए वीज़ा प्रक्रिया काफी सहज रही थी, वहीं पिछले तीन हफ्तों से हालात बिल्कुल अलग हैं। ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार, मार्च के मध्य से छात्रों के लिए वीज़ा इंटरव्यू स्लॉट्स उपलब्ध नहीं हो रहे हैं, जिससे छात्र और वीज़ा सलाहकार दोनों चिंतित हैं।
अहमदाबाद के वीज़ा कंसल्टेंट मौलिन जोशी ने बताया, “फरवरी या मार्च की शुरुआत में अपॉइंटमेंट बुक करने वाले छात्रों को अप्रैल के स्लॉट्स मिल गए थे, लेकिन अब मई के लिए कोई स्लॉट उपलब्ध नहीं है। छात्रों ने यूनिवर्सिटी से एडमिशन ले लिया है और उनके पास I-20 फॉर्म भी हैं, लेकिन वीज़ा इंटरव्यू की तारीख़ तय न होने के कारण वे भारी तनाव में हैं।”
जोशी ने आगे बताया कि, “पिछले साल अमेरिकी चुनाव के बाद का समय वीज़ा प्रोसेसिंग के लिए बेहद अनुकूल था। जनवरी सेशन के लिए छात्रों को जल्दी अपॉइंटमेंट मिल गया था। लेकिन इस बार की स्थिति पूरी तरह अलग और चिंताजनक है।”
इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का मानना है कि इस समस्या के पीछे अमेरिकी दूतावास द्वारा सिस्टम अपग्रेड करना एक बड़ा कारण है। “दूतावास वीज़ा अपॉइंटमेंट स्लॉट्स को लेकर होने वाले दुरुपयोग—जैसे कि AI आधारित बॉट्स और अवैध तरीकों से स्लॉट बुकिंग—को रोकने के लिए अपने सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है।
हालांकि आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन हम मानते हैं कि इसी वजह से फिलहाल स्टूडेंट वीज़ा स्लॉट्स सिस्टम से गायब हैं,” इमिग्रेशन कंसल्टेंट जनक नायक ने कहा। “इसका उद्देश्य प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना है, लेकिन इससे छात्रों की चिंता और बढ़ गई है, खासकर तब जब पिछले कुछ वर्षों में वीज़ा रिजेक्शन रेट पहले से ही काफी अधिक रहा है।”
10 मार्च से अब तक वीज़ा स्लॉट्स बंद हैं और कब खुलेंगे इसकी कोई जानकारी नहीं है। फॉरेन एजुकेशन कंसल्टेंट भाविन ठाकर ने बताया, “हम रोज़ाना पोर्टल चेक कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई स्लॉट नहीं आया। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो कई छात्र फॉल 2025 सेशन मिस कर सकते हैं।”
उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल भी बड़ी संख्या में वीज़ा रिजेक्शन हुए थे, जिससे छात्रों में पहले से ही डर बैठा हुआ है। अहमदाबाद के एक और वीज़ा सलाहकार रितेश देसाई कहते हैं, “अमेरिका में नई सरकार के आने के बाद इमिग्रेशन पॉलिसी में कई बदलाव हुए हैं, जिससे छात्र और भी ज्यादा असमंजस में हैं। वीज़ा स्लॉट्स कब खुलेंगे, इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, जिससे छात्र भारी मानसिक दबाव में हैं।”
अब जब दाख़िले की आखिरी तारीख़ें नज़दीक आ रही हैं, छात्रों का अमेरिकी शिक्षा का सपना अधर में लटकता नज़र आ रहा है।
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