अहमदाबाद — गुजरात के खेड़ा ज़िले में पिछले वर्ष एक 17 वर्षीय किशोरी की आत्महत्या ने बाल विवाह के एक मामले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने लड़की के माता-पिता और ससुराल पक्ष के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है।
मृतका की पहचान जानकीकुमारी चुनाड़ा के रूप में हुई है, जिसने 1 जून, 2024 को आत्महत्या कर ली थी। जांच के दौरान माटर पुलिस ने पाया कि जानकी का विवाह नाबालिग होने के बावजूद करा दिया गया था। श्री नरणारायण देव हाई स्कूल, त्रणाजा से प्राप्त स्कूल छोड़ने के प्रमाणपत्र के अनुसार, जानकी का जन्म 17 मार्च, 2007 को हुआ था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विवाह के समय वह महज 16 वर्ष की थी और मृत्यु के समय 17 साल 11 महीने की।
पीएसआई एन. जे. पंचाल द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR) के अनुसार, जानकी का विवाह 19 मार्च, 2023 को मच्छियेल गांव में हुआ था। दूल्हा आनंद चुनाड़ा भी नाबालिग था, जिसकी जन्मतिथि 29 अक्टूबर, 2007 दर्ज की गई है। इस हिसाब से वह विवाह के समय 15 साल 5 महीने का था।
FIR में उल्लेख किया गया है, “जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल दस्तावेज़, फोटोग्राफ और निमंत्रण पत्र के आधार पर यह सिद्ध हुआ है कि दोनों विवाह के समय नाबालिग थे। अतः यह बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत दंडनीय अपराध है।”
सोमवार को माटर पुलिस ने जानकी के माता-पिता — अरविंद चुनाड़ा और तेजल चुनाड़ा — तथा आनंद के माता-पिता — वसंत चुनाड़ा और राधा चुनाड़ा — के खिलाफ धारा 10 और 11 के अंतर्गत मामला दर्ज किया, जो बाल विवाह को बढ़ावा देने और उसमें सहायक बनने से संबंधित हैं।
इससे पहले, 2023 में, माटर पुलिस ने जानकी के ससुराल वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 108 और 54 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज किया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जानकी को दहेज की मांग और घरेलू विवादों को लेकर हथियारों से मारा-पीटा गया और प्रताड़ित किया जाता था। विवाह समारोह करवाने वाले पुजारी के पुत्र अक्षय पुरोहित ने बताया कि यह विवाह उनके दिवंगत पिता ने संपन्न कराया था। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि विवाह पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था, लेकिन इसे कानूनी रूप से पंजीकृत नहीं कराया गया था।
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