गुजरात सरकार के स्कूल मान्यता कार्यक्रम गुनोत्सव 2.0 के तहत हाल ही में जारी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है — राज्य के 40,298 सरकारी स्कूलों में से मात्र 524 स्कूलों (लगभग 1%) को ही A+ श्रेणी में स्थान मिला है।
इन 524 स्कूलों में 383 प्राथमिक सरकारी स्कूल और आश्रम शालाएँ (आदिवासी बच्चों के लिए आवासीय स्कूल, जिन्हें 2024-25 से इस प्रक्रिया में शामिल किया गया) शामिल हैं, जबकि 141 स्कूल माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के हैं। पिछले वर्ष (2023-24) में 413 स्कूलों को A+ ग्रेड मिला था, इस लिहाज़ से इस वर्ष मामूली सुधार देखने को मिला है।
बदला मान्यता का ढाँचा
2023-24 शैक्षणिक वर्ष में मान्यता के ढाँचे में बड़ा बदलाव किया गया, जिसमें राज्य सरकार की प्रमुख योजनाएँ — मुख्यमंत्री ज्ञान सेतु मेरिट छात्रवृत्ति योजना और मुख्यमंत्री ज्ञान साधना मेरिट छात्रवृत्ति योजना — को मूल्यांकन में शामिल कर लिया गया।
इन योजनाओं का वजन 17% से बढ़ाकर 30% कर दिया गया, जबकि अन्य मानकों — जैसे शिक्षण गुणवत्ता, सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ, स्कूल प्रबंधन आदि — की हिस्सेदारी को आधा से भी कम कर दिया गया।
इस बदलाव के पीछे का कारण बताते हुए प्रकाश त्रिवेदी, निदेशक, गुजरात काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (GCERT), ने बताया:
“चूंकि इन दोनों योजनाओं के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) राज्य परीक्षा बोर्ड (SEB) द्वारा आयोजित किया जाता है, जो एक प्रकार का थर्ड-पार्टी मूल्यांकन है, इसलिए इसे मान्यता प्रक्रिया में शामिल कर इसे महत्वपूर्ण वेटेज देने का निर्णय लिया गया।”
हालाँकि A+ ग्रेड पाने वाले स्कूलों की संख्या में बड़ी वृद्धि नहीं हुई, लेकिन त्रिवेदी ने ज़ोर देकर कहा कि A ग्रेड वाले स्कूलों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है। 2023-24 में 2,558 A ग्रेड स्कूल थे, जो इस वर्ष बढ़कर 5,864 हो गए।
स्कूलों का मूल्यांकन कैसे हुआ?
बढ़े हुए 30% वेटेज के तहत स्कूलों में CET फॉर्म भरने की संख्या, परीक्षा पास करने वाले छात्रों की संख्या और मेरिट लिस्ट में आने वाले छात्रों की संख्या को ध्यान में रखा गया।
- मुख्यमंत्री ज्ञान सेतु मेरिट छात्रवृत्ति योजना कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए है,
- मुख्यमंत्री ज्ञान साधना मेरिट छात्रवृत्ति योजना कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए लागू होती है।
ये योजनाएँ सरकारी और निजी, दोनों तरह के स्कूलों के छात्रों पर लागू होती हैं।
क्या है गुनोत्सव?
गुनोत्सव की शुरुआत गुजरात में वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी स्कूलों और छात्रों के मूल्यांकन के लिए की थी। वर्ष 2019-20 में इसे शिक्षा विभाग द्वारा नए स्वरूप में गुनोत्सव 2.0 के रूप में शुरू किया गया।
अब तक राज्य में सरकारी प्राथमिक स्कूलों के लिए कुल चार राउंड और सरकारी तथा सहायता प्राप्त माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए दो राउंड का मूल्यांकन पूरा हो चुका है। स्कूलों की मान्यता रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है।
2023-24 में स्कूल निरीक्षकों के माध्यम से सभी स्कूलों का बाहरी मूल्यांकन कराया गया। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप अब इस डेटा को ऑनलाइन सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है।
मान्यता प्रक्रिया के मुख्य चरण
- स्व-मूल्यांकन:
स्कूलों ने स्कूल मान्यता ढाँचे के अनुसार स्वयं मूल्यांकन किया और डेटा ऑनलाइन जमा किया। - कक्षा अवलोकन:
स्कूल प्रधान और समन्वयकों ने कक्षा प्रक्रिया का निरीक्षण किया और डेटा दर्ज किया। - राज्य-स्तरीय डेटा मूल्यांकन:
स्कूलों द्वारा जमा किए गए डेटा (जैसे उपस्थिति, कॉमन टेस्ट, मिड-टर्म टेस्ट, आदि) और SEB व गुजरात माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में प्रदर्शन को देखा गया। - क्रॉस-वेरिफिकेशन:
कुल स्व-मूल्यांकन करने वाले स्कूलों में से अधिकतम 33% स्कूलों का निरीक्षण स्कूल निरीक्षकों द्वारा किया गया।
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