नई दिल्ली- “अविश्वसनीय” — यही शब्द हैं हर्षिता गोयल के, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 2 हासिल की है। 24 वर्षीय हर्षिता, जो कि महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा से वाणिज्य स्नातक और चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं, ने इस परीक्षा में अपने तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की — यह पहला मौका था जब वह मेन्स और इंटरव्यू दोनों चरणों तक पहुंचीं।
गुजरात की एक और बेटी, मार्गी चिराग शाह, ने AIR 4 हासिल कर राज्य का मान बढ़ाया है। वह गुजरात की दूसरी महिला हैं जो UPSC की टॉप 5 रैंक में शामिल हुई हैं। परीक्षा के परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए।
संघर्ष, समर्पण और सफलता की कहानी
हरियाणा के हिसार में जन्मी हर्षिता का बचपन राजस्थान के चूरू जिले के सादुलपुर में बीता, लेकिन उनके पिता के रोजगार के कारण परिवार बड़ौदा शिफ्ट हो गया। हर्षिता की मां का निधन 10 वर्ष पहले कैंसर से हो गया था। अपनी सफलता पर उन्होंने कहा, “रैंक 2 पाना अभी भी विश्वास से परे है। मुझे चयन का विश्वास था, लेकिन टॉप 3 में आना तो जैसे सोने पे सुहागा है। यह मेरी मां के लिए है, जहां भी हों, वो आज जरूर बहुत खुश होंगी।”
उनके पिता गोविंद गोयल, जो कच्छ की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, ने कहा, “हमें कभी नहीं लगा कि बच्चों की मां हमारे साथ नहीं हैं। मुझे लगता है हर मुसीबत में वो कहीं न कहीं से सहारा बनती रहीं। भगवान की कृपा और हर्षिता की मेहनत रंग लाई। उसने कभी आज़ादी का गलत इस्तेमाल नहीं किया और हर चीज़ में उत्कृष्टता हासिल की।”
हर्षिता ने उर्मी स्कूल और न्यू एरा स्कूल, वडोदरा से पढ़ाई की और बीते दो वर्षों से वह सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (SPIPA) से UPSC की तैयारी कर रही थीं। इस वर्ष SPIPA के 26 अभ्यर्थियों ने UPSC पास किया, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है।
पेशे से अलग विषय चुना, देश सेवा का सपना
CA बनने के बाद हर्षिता ने 2021 में UPSC की तैयारी शुरू की और राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय चुना। “मैं कुछ अलग करना चाहती थी। इस विषय में मेरी रुचि थी और समाज के लिए कुछ करने की चाह ने मुझे UPSC की ओर प्रेरित किया। अगर इस बार चयन नहीं होता, तो भी मैं छह प्रयासों तक लगती रहती,” उन्होंने कहा।
मुख्य परीक्षा के दौरान वह टायफाइड से पीड़ित थीं, लेकिन परिवार और दोस्तों के सहयोग से परीक्षा दी। “मैंने कभी सख्त शेड्यूल नहीं बनाया, पढ़ाई में गुणवत्ता को प्राथमिकता दी। जब मन नहीं लगता था, तो ब्रेक लेती थी। फिल्में देखना, पेंटिंग और दोस्तों के साथ समय बिताना मुझे पसंद है,” उन्होंने जोड़ा।
एमएसयू बड़ौदा के कार्यवाहक कुलपति प्रो. धनेश पटेल ने कहा, “यह हमारे विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है। हर्षिता की यह उपलब्धि हमारे छात्रों को प्रेरणा देती है और हमारे शैक्षणिक मूल्यों को दर्शाती है।”
पांचवां प्रयास बना ‘परफेक्ट’ — मार्गी चिराग शाह की सफलता
मार्गी चिराग शाह, जिन्होंने AIR 4 हासिल किया, ने यह सफलता पांचवें प्रयास में पाई है। LD कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अहमदाबाद से कंप्यूटर साइंस में स्नातक मार्गी ने कॉलेज के दौरान ही सिविल सेवा में जाने का निर्णय ले लिया था। “मैं अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रही थी, लेकिन AIR 4 एक मीठा आश्चर्य है। परिवार बेहद भावुक और आभारी है,” उन्होंने बताया।
मार्गी के पिता चिराग शाह, एक निजी स्कूल के शिक्षक थे, जिनका 2017 में हृदयाघात से निधन हो गया था। उनका छोटा भाई IISc बेंगलुरु से बीएससी कर रहा है।
समाज में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की इच्छा से प्रेरित मार्गी ने सामाजशास्त्र (Sociology) को वैकल्पिक विषय चुना। उन्होंने कहा, “मैं प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता और महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण पर काम करना चाहती हूं। सिविल सेवा से बड़ा कोई प्लेटफॉर्म नहीं है समाज में असर पैदा करने के लिए।”
गुजरात के 26 अभ्यर्थियों ने UPSC परीक्षा पास कर रचा इतिहास, सभी ने SPIPA अहमदाबाद से ली थी कोचिंग
गुजरात से इस साल रिकॉर्ड 26 उम्मीदवारों ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा पास की है। यह अब तक का राज्य का सबसे बड़ा आंकड़ा है। खास बात यह है कि इन सभी सफल उम्मीदवारों ने सरदार पटेल लोक प्रशासन संस्थान (SPIPA), अहमदाबाद से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
गुजरात सरकार द्वारा स्थापित SPIPA का उद्देश्य राज्य के युवाओं को UPSC और अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए प्रशिक्षित करना है। अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट और मेहसाणा में संचालित इसके प्रशिक्षण केंद्रों से अब तक कुल 311 अभ्यर्थी सिविल सेवाओं में चयनित हो चुके हैं।
संस्थान में चयन के बाद 635 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही, उन्हें वित्तीय सहायता भी दी जाती है — चयन के बाद 2,000 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति, प्रीलिम्स पास करने पर पुरुषों को 25,000 रुपए और महिलाओं को 30,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलती है।
इस साल सफल हुए उम्मीदवारों की कहानियाँ प्रेरणा और संघर्ष की मिसाल हैं:
स्मित हसमुखभाई पांचाल – ऑल इंडिया रैंक 30
अहमदाबाद के 22 वर्षीय स्मित पांचाल ने दूसरी बार मेन्स और पहली बार इंटरव्यू में शामिल होकर 30वीं रैंक हासिल की। उन्होंने एल.डी. आर्ट्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया है। उनके पिता लोहार का काम करते हैं, मां गृहिणी हैं और बहन नर्स हैं। दिल्ली में तैयारी के लिए उन्हें पहले अपने भाई की मदद मिली, लेकिन बाद में उन्होंने खुद फ्रंट डेस्क की नौकरी कर 50,000 रुपए जोड़े और फिर तैयारी की राह पर लौटे।
SPIPA से उन्हें प्रीलिम्स पास करने के बाद 25,000 रुपए की आर्थिक सहायता भी मिली।
डॉ. विशर्ग विजयभाई ठाकर – रैंक 247
27 वर्षीय विशर्ग, अहमदाबाद से MBBS कर चुके हैं और पिछले एक साल से महाराष्ट्र में रेलवे सेवा में प्रशिक्षणरत हैं। उन्होंने कहा, “मैं IAS की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ने जा रहा हूं।” यह उनका पांचवां मेन्स और दूसरा इंटरव्यू था।
कोविड काल में उन्होंने महसूस किया कि सिविल सेवा के माध्यम से समाज की व्यापक सेवा संभव है।
अंशुल यादव – रैंक 473
हरियाणा के रेवाड़ी में जन्मे अंशुल यादव का परिवार 20 साल पहले अहमदाबाद आ गया था। IIT दिल्ली से B.Tech करने के बाद उन्होंने Oracle कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी की, लेकिन समाज के लिए कुछ करने की चाह में उसे छोड़ दिया।
यह उनका चौथा प्रयास था — दूसरा मेन्स और पहला इंटरव्यू। उनका लक्ष्य भी IAS बनना है।
अंकित वानिया – रैंक 607
30 वर्षीय अंकित वानिया ने पाटण के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली और GPSC परीक्षा पास कर नगरपालिका में चीफ ऑफिसर बने। 2021 में उन्होंने इस्तीफा दिया और SPIPA में दाखिला लेकर UPSC की तैयारी शुरू की।
कुँघेर गांव के रहने वाले अंकित की मां कभी ईंट भट्ठे पर मजदूरी करती थीं, पिता LIC में चपरासी से क्लर्क बने। परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया।
जीतकुमार नम्हा – रैंक 929
सुरेन्द्रनगर के लिमडी निवासी जीतकुमार नम्हा (27) ने पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी ताकि समाज के लिए कुछ कर सकें। उनके पिता का निधन 2009 में हो गया था और मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं।
JNV से स्कॉलरशिप के जरिए पढ़ाई करने वाले जीतकुमार ने खुद की कमाई से अहमदाबाद में रहकर UPSC की तैयारी की। यह उनका तीसरा मेन्स और दूसरा इंटरव्यू था। वह IAS बनने की चाह रखते हैं और आगे फिर से प्रयास करेंगे।
SPIPA: समाज सेवा की राह का मार्गदर्शक
सरदार पटेल लोक प्रशासन संस्थान (SPIPA) गुजरात सरकार की एक पहल है जो योग्य उम्मीदवारों को UPSC जैसी कठिन परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता प्रदान करता है। इस वर्ष की ऐतिहासिक सफलता SPIPA की प्रभावशीलता और उसके छात्रों की अडिग मेहनत का प्रमाण है।
यह भी पढ़ें- ऑपरेशन ज़ेपेलिन: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खिलाफ अडानी समूह की रणनीतिक पलटवार